Akash Ganga kya hai: संस्कृत शब्द ‘नीहार’ का अर्थ है – कुहरा। इसलिए आकाश में कुहरे या धुएं की तरह नजर आने वाले प्रकाश पुंज को निहारिका कहा गया। निहारिका को लैटिन शब्दावली में नेबुला (Nebula) कहा गया। कुछ समय पहले तक निहारिका तथा आकाशगंगा समानार्थी के रूप में प्रयोग किये गये। किन्तु अब निहारिका और आकाशगंगा शब्द अलग-अलग अर्थों को दर्शाते हैं।वास्तव में एक आकाशगंगा के निर्माण की शुरुआत हाइड्रोजन गैस से बने विशाल बादल के संचयन से होता है, जिसे निहारिका (Nebula) की संज्ञा से अभिहित किया जाता है।
क्रमशः इस बढ़ती हुई निहारिका में गैस के झुंड विकसित हुए। ये झुंड बढ़ते-बढ़ते घने गैसीय पिण्ड बने, जिनसे तारों का निर्माण आरम्भ हुआ अर्थात गुरुत्वाकर्षण बल के अधीन बंधे तारों, धूलकणों एवं गैसों के तंत्र को आकाशगंगा (galaxy) की संज्ञा दी गई। इस प्रकार निहारिका, आकाशगंगा के भ्रूणावस्था का द्योतक है जबकि शब्द आकाशगंगा विकसित अवस्था का ।Akash Ganga kya hai:
Saur Parivar Kya Hai:हमारा सौर-परिवार जिस आकाशगंगा में स्थित है,
Saur Parivar Kya Hai: हमारा सौर-परिवार जिस आकाशगंगा में स्थित है, हमारा सौर-परिवार जिस आकाशगंगा में स्थित है, उसे ‘मंदाकिनी’ कहते हैं।* मंदाकिनी का वह भाग जो पृथ्वी से एक प्रकाशसरिता सदृश दृष्टिगोचर होती हैं, ‘स्वर्ग की गंगा’ (Milky Way) की संज्ञा से जानी जाती है। अर्थात् हम पृथ्वी से समूची मंदाकिनी को एक साथ नहीं देख सकते बल्कि इसके एक भाग को ही देख पाते हैं जिसे मिल्की वे कहा जाता है। Akash Ganga kya hai:
Big Bang theory:बिग बैंग थ्योरी से संबन्धित आकाशगंगा
Big Bang theory: बिग बैंग थ्योरी से संबन्धित आकाशगंगा जिसमें हमारा सूर्य, पृथ्वी, ग्रह एवं उपग्रह आदि अवस्थित हैं, मंदाकिनी कहा जाता है।* यह 24 आकाशगंगाओं का एक वृहद पुंज है।
जिसमें हमारी ‘मंदाकिनी’ आकाशगंगा का आकार सर्पिल है।*इसमें लगभग एक खरब तारे पाये जाते हैं। यह तस्तरी सदृश चपटी है इसमें तीन घूर्णनशील भुजायें (Spiral Arms) हैं।* इसका विस्तार 80 हजार प्रकाश वर्ष है, इसके केन्द्र को बल्ज कहा जाता है जिसमें एक ब्लैक होल (कृष्ण विवर) पाया जाता है। गुरुत्वाकर्षण के कारण यहाँ तारों का संकेन्द्रण अधिक है। अद्यतन शोधों से ज्ञात हुआ है कि बल्ज में एक क्वासर (Quasar) पाया जाता है। क्वासर के केन्द्र में ही कृष्ण विबर (Black Hole) पाया जाता है।Akash Ganga kya hai:
Black Hole Kya Hota Hai: ब्रह्माण्ड में अनेक ब्लैक होल पाये जाते >
ब्रह्माण्ड में अनेक ब्लैक होल पाये जाते हैं, जो हमारे ब्रह्माण्ड के संचालन के लिए गुरुत्व केन्द्र का कार्य करते हैं। हम इनको देख नहीं सकते क्योंकि इनसे प्रकाश नहीं निकलता है। लेकिन इसमें ध्वस्त होने वाले पदार्थ से x- किरणों के रूप में ऊर्जा विसर्जित होती है जो कि ब्लैक होल की उपस्थिति का आभास कराती है। यद्यपि एक ब्लैक होल द्रव्यमान में सौरमंडल से 3 गुना से अधिक बड़ा होता है। किन्तु यह सम्पूर्ण आकाशगंगा से निकली ऊर्जा से अधिक ऊर्जा विसर्जित करता है। Akash Ganga kya hai:
Tara Mandal: तारामंडल / नक्षत्र (Constellation of Stars)मंदाकिनी ।
तारामंडल / नक्षत्र (Constellation of Stars)मंदाकिनी में पाये जाने वाले तारों में कुछ तारे सुन्दर आकृतियों के रूप में व्यवस्थित होते हैं। इन आकृतियों को तारामंडल/नक्षत्र कहते हैं। जैसे सप्तऋषि मण्डल (Ursa major great bear) ओरिऑन (Orion-great hunter), सिग्नस स्वान (Cygnus-swan). हाइड्रा (Hydra), हरक्यूल्स (Hercules) आदि । इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) के अनुसार आकाश में कुल 88 तारामण्डल हैं।
इन दोनों तारों को मिलाने वाली रेखा ध्रुव तारे के निकट से होकर जाती है। सप्तर्षि मंडल ध्रुव तारे की परिक्रमा करता हुआ दिखाई देता है, किन्तु दोनों निर्देशक तारे और ध्रुवतारा प्रत्येक स्थिति में एक सरल रेखा में होते हैं। रात्रि में ध्रुवतारे की पहचान हेतु सप्तर्षि मंडल सहायक होता है। Akash Ganga kya hai:
Star Group: नक्षत्र (Star Group)वैदिक
Star Group: नक्षत्र (Star Group)वैदिक ग्रंथों के अनुसार एक निश्चित आकृति में व्यवस्थित तारों के समूह को नक्षत्र कहा जाता है। आकाश में पृथ्वी के चतुर्दिक लगभग 27 नक्षत्र हैं जो रात में आकाश में दिखायी पड़ते हैं। साधारणतः यह चन्द्रमा के पथ से जुड़े हैं। चन्द्रमा, पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए प्रतिदिन एक नक्षत्र को पार करता है। इस प्रकार चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाते समय 27 तारा समूहों अर्थात नक्षत्र से होकर गुजरता है। कुछ नक्षत्र हैं जैसे- मेघा, स्वाति, चित्रा, हस्त, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, रोहिणी, आषाढ़, श्रवण, घनिष्ठा, कृतिका, भरणी, पूर्वाभाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद, आश्लेषा, रेवती, आर्द्रा, पुनर्वस आदि। Akash Ganga kya hai:
Prithvi Surya Ki Parikarma:पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा
Prithvi Surya Ki Parikarma: पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा राशि चक्र (Zodiac)पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा के दौरान 12 तारा समूहों से भी होकर गुजरती है। इन तारा समूहों के आकार अलग-अलग है। आकृति के अनुसार इनको भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है। मछली की आकृति वाले नक्षत्र को ‘मीन’ तथा तराजू की आकृति वाले नक्षत्र को ‘तुला’ कहते हैं। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में उक्त तारा समूहों अर्थात् नक्षत्रों को राशि चक्र कहते हैं। यथा-मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, धनु, कुम्भ एवं मीन। Akash Ganga kya hai:
Nebula Kya Hai:ओरिऑन नेबुला (Orion Nebula)यह अपनी आकाशगंगा ‘मंदाकिनी ।
Nebula Kya Hai: ओरिऑन नेबुला (Orion Nebula)यह अपनी आकाशगंगा ‘मंदाकिनी का सबसे शीतल तथा चमकीले तारों का क्षेत्र है। यह पृथ्वी से लगभग 1600 प्रकाश वर्ष दूर है। इसका द्रव्यमान 700 सौर द्रव्यमान के तुल्य माना जाता है। नेबुला का विस्तार लगभग 15 प्रकाश वर्ष में फैला है। इसके चारों तरफ घूमने वाले गर्म चमकीले युवा तारे चारों तरफ का तापमान लगभग 10000°C कर देते हैं तथा इस क्षेत्र को चमकीला बनाये रखते हैं। (LA.S. Main-1996) Akash Ganga kya hai:
Boomrang Nebula: बूमरँग नेबुला (Boomrang Nebula)यह पृथ्वी ।
बूमरँग नेबुला (Boomrang Nebula)यह पृथ्वी से लगभग 5000 प्रकाश वर्ष दूर विद्यमान सेंटारस तारा मंडल में स्थित एक युवा ग्रहीय नेबुला है। जो सूर्य जैसे एक ऐसे तारे से निकली आयनीकृत गैस का चमकता हुआ गोला है जो अपने जीवन की अंतिम अवस्था में है। खगोलविदों के अनुसार बूमरंग तेजी से फैल रहा है और इस प्रक्रिया में ऊर्जा का कम उपयोग कर रहा है। इसमें रुद्धोष्म प्रसार हो रहा है जिससे इसमें शीतलता प्रभाव उत्पन्न हो रहा है इसके आस-पास का वातावरण ठंडा हो रहा है।साइरस या डागस्टार (Sirius or Dog Star) यह रात में आकाश में दिखने वाला सर्वाधिक चमकीला तारा है। इसका द्रव्यमान सूर्य से दुगना है। यह सौर मंडल से 8.6 प्रकाश वर्ष दूर है। अर्थात् प्रॉक्सिमा के बाद दूसरे नम्बर का सौरमण्डल के नजदीक स्थित तारा है। Akash Ganga kya hai:

Pole Star: ध्रुव तारा (Pole Star)यह पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव ।
ध्रुव तारा (Pole Star)यह पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव पर खड़े व्यक्ति के शिरोबिन्दु (zenith) पर स्थिति है। अर्थात् इस की किरणें पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव पर 90° का कोण बनाती हैं। ध्यातव्य है कि ध्रुव तारा के किरणों के पृथ्वी के धरातल पर आपतन कोण (angle of incidence) के आधार पर पृथ्वी के आक्षांशों का निर्धारण किया जाता है। यह तारा पृथ्वी से 700 प्रकाश वर्ष दूर उर्सा माइनर या लिटिल बियर तारा समूह का सदस्य है।
उत्तरी गोलार्द्ध के किसी स्थान से 24 घंटा इस तारा को आकाश में एक ही स्थान पर देखा जा सकता है।ध्रुव तारा को खगोलशास्त्र की नामकरण प्रणाली के अनुसार ‘अल्फा उर्सा माइनारिस’ की संज्ञा से भी अभिहित किया जाता है। यह ‘एफ श्रेणी’ का (चमकदार पीला) एक विशाल तारा है जो सूर्य से 2200 गुना अधिक चमकीला है। वास्तव में ध्रुव तारा अकेला न होकर तीन तारों का युग्म रूप है, जिनके नाम क्रमशः पोलारिस ‘ए’, पोलारिस ‘बी’, तथा पोलारिस ‘पी’ रखे गये हैं। इनमें से जो हमको नंगी आंखों से दिखाई देता है वह पोलारिस ‘ए’ है, जोकि इस समूह का मुख्य तारा है और उसी की विशेषतायें ऊपर दर्शाई गयी हैं। पोलारिस ‘बी’ मुख्य तारे से 2400 खगोलीय इकाई की दूरी पर (पृथ्वी से सूर्य की दूरी एक खगोलीय इकाई कहलाती है तथा एक प्रकाश वर्ष लगभग 63240 खगोलीय इकाइयों के बराबर होता है), य तथा यह तारा पोलारिस ‘ए’ की परिक्रमा करने में लगभग 42000 वर्षों का समय लेता है।
पोलारिस ‘बी’ की खोज विलियम हर्शेल ने 7 वर्ष 1780 में की थी। वर्ष 1929 में एक अन्य बौने तारे पोलारिस ‘पी’ की खोज की गई जो पोलारिस ‘ए’ से केवल 18.5 खगोलीय इकाई की दूरी पर रहते हुये 29.6 वर्ष में उसकी परिक्रमा करता है। पोलारिस ‘पी’ को पोलारिस ‘ए’ (अंग्रेजी का छोटा ‘ए’) अथवा पोलारिस ‘एबी’ भी कहा जाता है।एक अत्यंत विचित्र बात यह है कि समय के साथ ध्रुव तारे की स्थिति भी बदलती रहती है। आज पोलारिस नक्षत्र हमारे लिये ध्रुव तारे का काम कर रहा है, किन्तु लगभग 3000 वर्ष पूर्व ‘थूबान’ नामक नक्षत्र पृथ्वीवासियों के लिये ध्रुव तारे का कार्य कर रहा था, क्योंकि उस समय ‘थूवान’ नक्षत्र ही उत्तरी ध्रुव की सीध में था। इस प्रकार आज से लगभग 5000 वर्षों के बाद ‘अल डेरामिन’ नामक Akash Ganga kya hai:
शार्टकट हेडिंग जो महत्वपूर्ण है।
प्रमुक हेडिंग | व्याख्या |
हमारा सौर-परिवार जिस आकाशगंगा में स्थित है | Saur Parivar Kya Hai: हमारा सौर-परिवार जिस आकाशगंगा में स्थित है, हमारा सौर-परिवार जिस आकाशगंगा में स्थित है, उसे ‘मंदाकिनी’ कहते हैं।* मंदाकिनी का वह भाग जो पृथ्वी से एक प्रकाशसरिता सदृश दृष्टिगोचर होती हैं, ‘स्वर्ग की गंगा’ (Milky Way) की संज्ञा से जानी जाती है। अर्थात् हम पृथ्वी से समूची मंदाकिनी को एक साथ नहीं देख सकते बल्कि इसके एक भाग को ही देख पाते हैं जिसे मिल्की वे कहा जाता है। |
Big Bang theory:बिग बैंग थ्योरी से संबन्धित आकाशगंगा | Saur Parivar Kya Hai: हमारा सौर-परिवार जिस आकाशगंगा में स्थित है, हमारा सौर-परिवार जिस आकाशगंगा में स्थित है, उसे ‘मंदाकिनी’ कहते हैं।* मंदाकिनी का वह भाग जो पृथ्वी से एक प्रकाशसरिता सदृश दृष्टिगोचर होती हैं, ‘स्वर्ग की गंगा’ (Milky Way) की संज्ञा से जानी जाती है। अर्थात् हम पृथ्वी से समूची मंदाकिनी को एक साथ नहीं देख सकते बल्कि इसके एक भाग को ही देख पाते हैं जिसे मिल्की वे कहा जाता है। |
Nebula Kya Hai:ओरिऑन नेबुला (Orion Nebula)यह अपनी आकाशगंगा ‘मंदाकिनी । | Nebula Kya Hai: ओरिऑन नेबुला (Orion Nebula)यह अपनी आकाशगंगा ‘मंदाकिनी का सबसे शीतल तथा चमकीले तारों का क्षेत्र है। यह पृथ्वी से लगभग 1600 प्रकाश वर्ष दूर है। इसका द्रव्यमान 700 सौर द्रव्यमान के तुल्य माना जाता है। नेबुला का विस्तार लगभग 15 प्रकाश वर्ष में फैला है। इसके चारों तरफ घूमने वाले गर्म चमकीले युवा तारे चारों तरफ का तापमान लगभग 10000°C कर देते हैं तथा इस क्षेत्र को चमकीला बनाये रखते हैं। (LA.S. Main-1996) |
पृथ्वी कौन सी गैलेक्सी में आती है?
मिल्की वे (Milky Way) गैलेक्सी (Galaxy) के नए नक्शे से पता चला है कि जितना पहले समझा गया था हमारी पृथ्वी (Earth) .अधिक पढ़ें ब्रह्माण्ड (Universe) इतना विशाल है हमें बार बार इसके बारे में नई जानकारी मिलती रहती है. 8/02/2023
हमारी आकाशगंगा का नाम क्या है?
खगोल विज्ञान – मिल्की वे आकाशगंगा । क्या आप जानते हैं कि हमारा तारा, सूर्य, मिल्की वे गैलेक्सी नामक एक विशाल ब्रह्मांडीय स्थान के भीतर घूमने वाले सैकड़ों अरबों सितारों में से एक है? मिल्की वे सितारों, धूल और गैस का एक विशाल संग्रह है। 8/02/2023
आकाशगंगा नाम क्यों पड़ा?
शहर से बाहरी इलाके या देहात में जाकर जब आप रात्रि आकाश को देखेंगे तो एक सफेद धुंध जैसी लकीर आसमान के एक छोर से दूसरी छोर की ओर जाती हुई दिखाई देगी , और इस पट्टी के इर्द गिर्द बहुत से तारे होंगे, यही हमारी आकाशगंगा है। चूंकि यह रात्रि में दूधिया नदी की धारा जैसी दिखती है इसलिए इसे मिल्की वे कहते हैं ।
हमारे गैलेक्सी में कितने ग्रह हैं?
अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं – बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून। इनके अतिरिक्त तीन बौने ग्रह और हैं – सीरीस, प्लूटो और एरीस। 8/02/2023
ब्रह्मांड में पृथ्वी कहां है?
पृथ्वी हमारे सूर्य, एक तारे की परिक्रमा करती है। पृथ्वी लगभग 93 मिलियन मील (150 मिलियन किमी) की दूरी पर सूर्य से तीसरा ग्रह है ।8/02/2023
सबसे छोटा ग्रह कौन सा है?
क्या तुम जानते हो कि बुध अपने सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है। हमारे चांद से थोड़ा ही बड़ा है बुध। चांद का व्यास 3476 किलोमीटर है, जबकि बुध का 4850 किलोमीटर। 8/02/2023
सबसे चमकीला ग्रह कौन सा है?
सौरमंडल का सबसे चमकीला ग्रह शुक्र मंगलवार रात को और अधिक चमकदार दिखाई पड़ेगा। 28 अप्रैल को शुक्र ग्रह पृथ्वी के सापेक्ष सूर्य से सबसे दूर होगा। इसी वजह से शुक्र ग्रह सबसे ज्यादा चमकदार दिखाई देगा। 8/02/2023
शुक्र की खोज किसने की थी?
शुक्र ग्रह को दूरबीन से देखने वाला पहला व्यक्ति विलक्षण खगोलशास्त्री गैलीलियो गैलीली था। उन्होंने 1610 में ग्रह का पहला सटीक अवलोकन किया 8/02/2023