Bhartiy Sanvidhan Kya Hai: भारतीय संविधान भारत की सरकार के संचालन और राजनीतिक व्यवस्था के निर्देशक नियमों का संग्रह है। यह भारत की संवैधानिक ढांचा है जो भारत की संवैधानिक व्यवस्था के निर्माण, कार्यान्वयन और निर्देशन के लिए उपयोग में लाया जाता है। यह भारत का सबसे ऊँचा कानून होता है जो सभी नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों को परिभाषित करता है। भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था।Bhartiya Sanvidhan Kya Hai:
भारतीय संविधान भारत के सभी नागरिकों के लिए एक मौलिक विधान है जो भारत की संवैधानिक व्यवस्था के आधार को निर्धारित करता है। यह 26 जनवरी 1950 को प्रभाव से लागू हुआ था और स्वतंत्र भारत की संवैधानिक व्यवस्था को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान में भारत की राजनीति, शासन और न्याय व्यवस्था, संसद, राज्यपाल, न्यायपालिका, राज्य सरकार, प्रधानमंत्री, अधिकार और जमीनी अधिकार, नागरिकता, मौलिक अधिकार और कर्तव्य, धर्मनिरपेक्षता आदि के विषयों पर नियम हैं।Bhartiya Sanvidhan Kya Hai:
भारतीय संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है। इसे 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को प्रभाव में आया। भारत का संविधान दुनिया के किसी भी संप्रभु देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है , जिसमें 25 भागों में 448 लेख, 12 अनुसूचियां, 5 शामिल हैं। परिशिष्ट और 98 संशोधन।
Bhartiy Sanvidhan ke Mool Visheshtayen:भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं :
Bhartiy Sanvidhan ke Mool Visheshtayen: भारतीय संविधान भारत के सर्वोच्च कानून है जो 26 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया था। यह भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, राज्य के आधिकारों और संसद तथा न्यायपालिका की व्यवस्था को विवरणीय ढंग से स्थापित करता है। संविधान भारत की लोकतंत्रिक व्यवस्था का आधार है और भारत के राष्ट्रीय एकता, अखंडता, अधिकार और न्याय के आदर्शों को प्रतिनिधित्व करता है।Bhartiya Sanvidhan Kya Hai:
Bhartiya Sanvidhan ki Most Important Article: भारतीय संविधान की महत्वपूर्ण विशेषताएं
Bhartiya Sanvidhan ki Most Important Article:
- अनुच्छेद 14 – समानता का हक देने वाला अनुच्छेद
- अनुच्छेद 19 – स्वतंत्रता का हक देने वाला अनुच्छेद
- अनुच्छेद 21 – संरक्षण और संरक्षा के लिए अधिकार का हक देने वाला अनुच्छेद
- अनुच्छेद 25 – शिक्षा का हक देने वाला अनुच्छेद
- अनुच्छेद 32 – आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए देश के विभिन्न भागों को वित्तीय सहायता देने का हक देने वाला अनुच्छेद
- अनुच्छेद 44 – राज्यों के बीच एकता और सहयोग का हक देने वाला अनुच्छेद
- अनुच्छेद 48 – न्यायपालिका के स्वायत्तता का हक देने वाला अनुच्छेद
- अनुच्छेद 51 – पंचायती राज की संरचना और कार्यप्रणाली के हक देने वाला अनुच्छेद
- अनुच्छेद 370 – कश्मीर के विशेष राज्य के लिए विशेष विधान देने वाला अनुच्छेद
- अनुच्छेद 356 – राज्यों के तंत्र को जनता के हितों के लिए समाप्त करने का हक देने वाला अनुच्छेद।
- धर्मनिरपेक्षता का अनुच्छेद – यह अनुच्छेद भारत के संविधान का सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद है जो धर्मनिरपेक्षता का प्रतिनिधित्व करता है। इस अनुच्छेद में धर्म, जाति, लिंग, जन्मस्थान आदि के आधार पर किसी व्यक्ति के खिलाफ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
- संघीयता का अनुच्छेद – यह अनुच्छेद संविधान के द्वारा निर्धारित किए गए संघ और राज्यों के बीच संबंधों को व्यवस्थित करता है। इस अनुच्छेद में संघ और राज्यों के अधिकार और कर्तव्यों को समझाया गया है।
- मौलिक अधिकारों का अनुच्छेद – इस अनुच्छेद में मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है जो हर नागरिक को मिलते हैं। इसमें अधिकारों की एक सूची शामिल है जिनमें जीवन, स्वतंत्रता, समानता, न्याय आदि शामिल हैं।
- स्वतंत्रता का अनुच्छेद – इस अनुच्छेद में भारत की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के साथ नागरिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कानून
Bhartiya Sanvidhan ki Anusuchi: भारतीय संविधान की अनुसूची ।
भारतीय संविधान की अनुसूची (Schedule) में कुछ विशेष विषयों को संविधान में अंकित किया गया है। यह विषय विशेष अनुसूचियों में वर्गीकृत होते हैं और संविधान के साथ जुड़े उनके प्रति विशेष उल्लेख दिया जाता है। भारतीय संविधान की वर्तमान में 12 अनुसूचियाँ हैं। निम्नलिखित हैं भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ:Bhartiya Sanvidhan Kya Hai:
- पहला अनुसूची: विशेष अधिकारों के लिए राज्य सूची
- दूसरा अनुसूची: अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों से संबंधित विषयों की सूची
- तीसरी अनुसूची: सम्पत्ति कर की सूची
- चौथी अनुसूची: संघ राज्यों के लिए विशेष अधिकारों की सूची
- पाँचवाँ अनुसूची: उपराष्ट्रपति के अधिकारों की सूची
- छठा अनुसूची: विशेष अधिकारों के लिए संघ सूची
- सातवाँ अनुसूची: राज्यों के लिए विशेष अधिकारों की सूची
- आठवाँ अनुसूची: जाति और जनजाति की सूची
- नौवाँ अनुसूची: अनुसूचित जातियो
Bhartiya Sanwidhan Ke Bhag:भारतीय संविधान के भाग >
Bhartiya Sanwidhan Ke Bhag: भारतीय संविधान में कुल 22 भाग होते हैं। इनमें से कुछ भाग निम्नलिखित हैं:Bhartiya Sanvidhan Kya Hai:
- भाग I: संविधान का उपशीर्षक और प्रस्तावना
- भाग II: भारत का राजनीतिक और नागरिक ढांचा
- भाग III: नागरिक के मौलिक अधिकार
- भाग IV: निर्णय करने की व्यवस्था
- भाग V: राज्य के अधिकार और प्रभाव
- भाग VI: संघ राज्यों के बीच सम्बन्ध
- भाग VII: संविधान की संशोधन प्रक्रिया
- भाग VIII: संविधान के विभिन्न अनुच्छेद
- भाग IX: पंचायतों के नियम
- भाग X: स्थानीय सशस्त्र बल
- भाग XI: संघ के सशस्त्र बल
- भाग XII: वित्त और अर्थव्यवस्था
- भाग XIII: विभिन्न विषयों पर संघ के विशेष अधिकार
- भाग XIV: राज्य विधानमंडल
- भाग XV: राज्य व्यवस्था
- भाग XVI: केंद्र शासित प्रदेश
- भाग XVII: केंद्र शासित क्षेत्र
- भाग XVIII: उपग्रह और विज्ञान
- भाग XIX: न्यायपालिका
- भाग XX: संघ के अधिकार और कर्तव्य
- भाग XXI: संवैधानिक निगरानी
- भाग XXII: अंतिम और अन्तिम विधेयक
Bhartiya Sanvidhan ke Sanshodhan: भारतीय संविधान के संशोधन ।
भारतीय संविधान के अब तक 104 संशोधन हुए हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण संशोधन निम्नलिखित हैं:Bhartiya Sanvidhan Kya Hai
- संविधान (प्रथम संशोधन) वर्ष 1951 – संविधान के पहले संशोधन द्वारा वोट देने की आयु सीमा कम हो गई थी।
- संविधान (चौथा संशोधन) वर्ष 1955 – संविधान के चौथे संशोधन द्वारा राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच जल संधारण समझौते के लिए विशेष विधेयक बनाने की अनुमति दी गई थी।
- संविधान (चौंसठवें संशोधन) वर्ष 1989 – इस संशोधन द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था को बढ़ावा दिया गया था।
- संविधान (सत्तरवें संशोधन) वर्ष 1992 – इस संशोधन द्वारा राज्यपाल को नागरिकता संबंधी मुद्दों पर अधिकार दिया गया था।
- संविधान (आठवें संशोधन) वर्ष 1989 – इस संशोधन द्वारा दलितों को सामाजिक रूप से अति पिछड़ा वर्ग के रूप में स्थान देने की व्यवस्था को बदला गया था और उन्हेंBhartiya Sanvidhan Kya Hai:
Bhartiya Sanvidhan Kya Hai: Overview
लेख (आर्टिकल) | व्याख्या |
Bhartiya Sanvidhan Kya Hai: | भारतीय संविधान भारत की सरकार के संचालन और राजनीतिक व्यवस्था के निर्देशक नियमों का संग्रह है। यह भारत की संवैधानिक ढांचा है जो भारत की संवैधानिक व्यवस्था के निर्माण, कार्यान्वयन और निर्देशन के लिए उपयोग में लाया जाता है। यह भारत का सबसे ऊँचा कानून होता है जो सभी नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों को परिभाषित करता है। भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था। |
भारतीय संविधान की महत्वपूर्ण विशेषताएं | अनुच्छेद 14 – समानता का हक देने वाला अनुच्छेद Bhartiya Sanvidhan Kya Hai अनुच्छेद 19 – स्वतंत्रता का हक देने वाला अनुच्छेद अनुच्छेद 21 – संरक्षण और संरक्षा के लिए अधिकार का हक देने वाला अनुच्छेद अनुच्छेद 25 – शिक्षा का हक देने वाला अनुच्छेद अनुच्छेद 32 – आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए देश के विभिन्न भागों को वित्तीय सहायता देने का हक देने वाला अनुच्छेद अनुच्छेद 44 – राज्यों के बीच एकता और सहयोग का हक देने वाला अनुच्छेद अनुच्छेद 48 – न्यायपालिका के स्वायत्तता का हक देने वाला अनुच्छेद अनुच्छेद 51 – पंचायती राज की संरचना और कार्यप्रणाली के हक देने वाला अनुच्छेद अनुच्छेद 370 – कश्मीर के विशेष राज्य के लिए विशेष विधान देने वाला अनुच्छेद अनुच्छेद 356 – राज्यों के तंत्र को जनता के हितों के लिए समाप्त करने का हक देने वाला अनुच्छेद। धर्मनिरपेक्षता का अनुच्छेद – यह अनुच्छेद भारत के संविधान का सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद है जो धर्मनिरपेक्षता का प्रतिनिधित्व करता है। इस अनुच्छेद में धर्म, जाति, लिंग, जन्मस्थान आदि के आधार पर किसी व्यक्ति के खिलाफ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। संघीयता का अनुच्छेद – यह अनुच्छेद संविधान के द्वारा निर्धारित किए गए संघ और राज्यों के बीच संबंधों को व्यवस्थित करता है। इस अनुच्छेद में संघ और राज्यों के अधिकार और कर्तव्यों को समझाया गया है। मौलिक अधिकारों का अनुच्छेद – इस अनुच्छेद में मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है जो हर नागरिक को मिलते हैं। इसमें अधिकारों की एक सूची शामिल है जिनमें जीवन, स्वतंत्रता, समानता, न्याय आदि शामिल हैं। स्वतंत्रता का अनुच्छेद – इस अनुच्छेद में भारत की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के साथ नागरिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कानून |
भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं : | भारतीय संविधान भारत के सर्वोच्च कानून है जो 26 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया था। यह भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, राज्य के आधिकारों और संसद तथा न्यायपालिका की व्यवस्था को विवरणीय ढंग से स्थापित करता है। संविधान भारत की लोकतंत्रिक व्यवस्था का आधार है और भारत के राष्ट्रीय एकता, अखंडता, अधिकार और न्याय के आदर्शों को प्रतिनिधित्व करता है। |
भारतीय संविधान की अनुसूची । | पहला अनुसूची: विशेष अधिकारों के लिए राज्य सूची दूसरा अनुसूची: अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों से संबंधित विषयों की सूची तीसरी अनुसूची: सम्पत्ति कर की सूची चौथी अनुसूची: संघ राज्यों के लिए विशेष अधिकारों की सूची पाँचवाँ अनुसूची: उपराष्ट्रपति के अधिकारों की सूची छठा अनुसूची: विशेष अधिकारों के लिए संघ सूची सातवाँ अनुसूची: राज्यों के लिए विशेष अधिकारों की सूची आठवाँ अनुसूची: जाति और जनजाति की सूची नौवाँ अनुसूची: अनुसूचित जातियो |
भारतीय संविधान के भाग | भाग I: संविधान का उपशीर्षक और प्रस्तावना भाग II: भारत का राजनीतिक और नागरिक ढांचा भाग III: नागरिक के मौलिक अधिकार भाग IV: निर्णय करने की व्यवस्था भाग V: राज्य के अधिकार और प्रभाव भाग VI: संघ राज्यों के बीच सम्बन्ध भाग VII: संविधान की संशोधन प्रक्रिया भाग VIII: संविधान के विभिन्न अनुच्छेद भाग IX: पंचायतों के नियम भाग X: स्थानीय सशस्त्र बल भाग XI: संघ के सशस्त्र बल भाग XII: वित्त और अर्थव्यवस्था भाग XIII: विभिन्न विषयों पर संघ के विशेष अधिकार भाग XIV: राज्य विधानमंडल भाग XV: राज्य व्यवस्था भाग XVI: केंद्र शासित प्रदेश भाग XVII: केंद्र शासित क्षेत्र भाग XVIII: उपग्रह और विज्ञान भाग XIX: न्यायपालिका भाग XX: संघ के अधिकार और कर्तव्य भाग XXI: संवैधानिक निगरानी भाग XXII: अंतिम और अन्तिम विधेयक Bhartiya Sanvidhan Kya Hai |
यह समाजवाद के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है, जिसका अर्थ है कि सरकार उत्पादन के साधनों का स्वामित्व और नियंत्रण करती है; यह धर्मनिरपेक्ष है, जिसका अर्थ है कि यह किसी विशेष धर्म का समर्थन नहीं करता है; यह लोकतांत्रिक है, जिसका अर्थ है कि लोगों को अपनी सरकार चुनने का अधिकार है; और यह एक गणतंत्र है, जिसका अर्थ है कि राज्य का प्रमुख एक सम्राट नहीं बल्कि एक निर्वाचित राष्ट्रपति होता है।मौलिक अधिकार: भारत का संविधान अपने नागरिकों को कई मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है।
ये अधिकार पूर्ण नहीं हैं, लेकिन वे उचित प्रतिबंधों के अधीन हैं। मौलिक अधिकारों में समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार और संवैधानिक उपचारों का अधिकार शामिल है।राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांत: भारत के संविधान में भी राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों की एक संख्या शामिल है। ये सिद्धांत अदालतों द्वारा लागू करने योग्य नहीं हैं, लेकिन फिर भी वे देश के शासन में मौलिक हैं। नीति निर्देशक सिद्धांत सामाजिक और आर्थिक न्याय के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा पालन किए जाने वाले दिशानिर्देश हैं।संघीय ढांचा: भारत का संविधान सरकार के एक संघीय ढांचे की स्थापना करता है। इसका मतलब है कि सत्ता केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच बंटी हुई है। राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर केंद्र सरकार का अधिकार है, जबकि स्थानीय महत्व के मामलों पर राज्य सरकारों का अधिकार है।
स्वतंत्र न्यायपालिका: भारत का संविधान एक स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना करता है। इसका मतलब यह है कि न्यायपालिका कार्यपालिका या विधायिका के नियंत्रण में नहीं है। न्यायपालिका के पास संविधान की व्याख्या करने और असंवैधानिक कानूनों को रद्द करने की शक्ति है।एकल नागरिकता: भारत का संविधान पूरे देश के लिए एकल नागरिकता स्थापित करता है। इसका मतलब यह है कि भारत के सभी नागरिक, उनके निवास की स्थिति की परवाह किए बिना, भारत के नागरिक हैं।
संविधान की बुनियादी विशेषताओं को शामिल करना: भारत के संविधान में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा जैसे अन्य देशों के संविधानों की बुनियादी विशेषताओं को शामिल किया गया है। इन बुनियादी विशेषताओं में कानून का शासन, शक्तियों का पृथक्करण और नियंत्रण और संतुलन शामिल हैं।भारत का संविधान एक जीवित दस्तावेज है जिसे 1950 में अपनाए जाने के बाद से कई बार संशोधित किया गया है। संविधान को देश की बदलती जरूरतों के अनुरूप रखने के लिए संशोधन किए गए हैं। भारत का संविधान एक उल्लेखनीय दस्तावेज है जिसने भारत को एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में आकार देने में मदद की है।
भारत के संविधान का पिता कौन है?
बीआर अंबेडकर भारतीय संविधान के जनक थे।
भारत के संविधान में कितने पेज है?
भारत का संविधान 251 पेज का है
विश्व का सबसे बड़ा संविधान किसका है?
भारत का संविधान विश्व के किसी भी सम्प्रभु देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है,
संविधान कब लिखा गया था?
संविधान कब लिखा गया था? Bhartiya Sanvidhan Kya Hai
1787 में लिखित, 1788 में अनुसमर्थित, और 1789 से संचालन में, संयुक्त राज्य का संविधान दुनिया का सबसे लंबा जीवित सरकार का लिखित चार्टर है। इसके पहले तीन शब्द – “वी द पीपल” – पुष्टि करते हैं कि संयुक्त राज्य की सरकार अपने नागरिकों की सेवा के लिए मौजूद है।
संविधान का उद्देश्य क्या है?
संविधान सरकार के विभिन्न संस्थानों को परिभाषित करता है; उनकी संरचना, शक्तियों और कार्यों को निर्धारित करना; और उनके बीच संबंधों को विनियमित करें । लगभग सभी संविधान सरकार की विधायी, कार्यकारी और न्यायिक शाखाओं की स्थापना करते हैं।
2 thoughts on “Bhartiya Sanvidhan Kya Hai: भारतीय संविधान क्या है। संविधान की विशेषताएं ।”