Brahmand ki Utpatti kaise hui: ग्रहों की उत्पत्ति के संबंध में संभवतः सर्वप्रथम तर्कपूर्ण परिकल्पना का प्रतिपादन फ्रांसीसी वैज्ञानिक ‘काम्ते द बफन (Comte De Buffon)’ द्वारा सन् 1749 में किया गया था। जर्मन दार्शनिक इमैनुअल कांट (Immanuel Kant) ने भी 1754-55 ई. में ग्रहों की उत्पत्ति से संबंधित सिद्धांत दिया, जिसे 1796 ई. में गणितज्ञ लाप्लास (Laplace) ने संशोधित किया। यह सिद्धांत निहारिका परिकल्पना (Nebular Hypothesis) के नाम से जानी जाती है। rahmand ki Utpatti kaise hui:
ग्रहों की उत्पत्ति में भाग लेने वाले तारों की संख्या के आधार पर वैज्ञानिक संकल्पनाओं को दो वर्गों (1) एक तारक या अद्वैतवादी संकल्पना (Monistic Concept) तथा (2) द्वैतारक या द्वैतवादी संकल्पना (Dualistic Concept or Binary Hypothesis) में विभाजित किया गया है। rahmand ki Utpatti kaise hui:
अद्वैतवादी संकल्पना के अंतर्गत कांट की वायव्य राशि परिकल्पना (Kant’s Gaseous Hypothesis) तथा लाप्लास की निहारिका परिकल्पना (Nebular Hypothesis of Laplace) अधिक प्रसिद्ध हुई थी। द्वैतवादी संकल्पना के अंतर्गत चैम्बरलिन तथा मोल्टॉन की ‘ग्रहाणु परिकल्पना’ (Planetesimal Hypothesis), जेम्स जीन्स एवं सर हैरोल्ड जेफरी की ज्वारीय परिकल्पना (Tidal Hypothesis), एच. एन. रसेल का द्वैतारक सिद्धांत (Binary Star Theory) आदि प्रमुख हैं।rahmand ki Utpatti kaise hui:
Brahmand ki Utpatti kaise hui: ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति का सबसे आधुनिक सिद्धांत
Brahmand ki Utpatti kaise hui: ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति का सबसे आधुनिक सिद्धांत विस्तारवादी या महाविस्फोट सिद्धांत (Big Bang Theory) है। इस सिद्धांत का प्रतिपादन जॉर्ज लेमेंतेयर (1894-1966) ने वर्ष 1927 में किया था, जिसे वर्ष 1949 में फ्रेड होयल द्वारा ‘बिग बैंग’ नाम दिया गया। बाद में रॉबर्ट बेगनर ने वर्ष 1967 में इस सिद्धांत की व्याख्या प्रस्तुत की। वह अवस्था जब संपूर्ण ब्रह्माण्ड एक गर्म एवं सघन बिंदु पर आज से 13.7 या 13.8 अरब वर्ष पूर्व केंद्रित था, अत्यधिक संकेंद्रण के कारण बिंदु में आकस्मिक विस्फोट हुआ। जिसके पश्चात ब्रह्माण्डीय पदार्थ चारों ओर फैल गए। यह पदार्थ ही विभिन्न गैलेक्सी के रूप में दृश्य हैं।
Geography Class 8: Brahmand ki Utpatti kaise hui:गैलेक्सियों के अनंत समूह का सम्मिलित रूप ही ब्रह्माण्ड है।
Geography Class 8: Brahmand ki Utpatti kaise hui: गैलेक्सियों के अनंत समूह का सम्मिलित रूप ही ब्रह्माण्ड है। अवलोकनीय ब्रह्माण्ड में अनुमानतः 100 से 200 अरब गैलेक्सी हैं। प्रत्येक गैलेक्सी में अनुमानतः 100 अरब तारे हैं। हालांकि यह संख्या अधिक भी हो सकती है। हमारी गैलेक्सी जिसमें हमारा सौरमंडल स्थित है, उसे ‘मंदाकिनी’ या ‘आकाशगंगा’ या ‘दुग्ध मेखला’ (Milky Way) कहते हैं।rahmand ki Utpatti kaise hui:
हमारी आकाशगंगा में लगभग 100-400 अरब तारे हैं। गैलेक्सी अनेक आकार-प्रकार में दृश्य होती हैं यथा- अण्डाकार (Elliptical), सर्पिलाकार (Spiral) और अनियमित आकार (Irregular) इत्यादि । एंड्रोमीडा (Andromeda) हमारी आकाशगंगा के सबसे निकट की आकाशगंगा है, जो हमारी आकाशगंगा से लगभग 2.5 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। इसे मेसियर 31 (Messier 31) भी कहा जाता है। वर्ष 2005 में स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप ने आकाशगंगा के आकार के बारे में पूर्व धारणाओं एवं विभ्रम के विपरीत इस बात के स्पष्ट साक्ष्य पेश किए कि आकाशगंगा का आकार दंड सज्जित सर्पिलाकार (Barred Spiral) है। rahmand ki Utpatti kaise hui:
Brahmand ki Utpatti kaise hui:तारों का निर्माण गैलेक्सी में उपस्थित हाइड्रोजन एवं हीलियम
- तारों का निर्माण गैलेक्सी में उपस्थित हाइड्रोजन एवं हीलियम की संघटक निहारिकाओं (Nabulae) से होता है। *गुरुत्वाकर्षण बल से गैस एवं धूल के बादलों का गोले के आकार में संघटन, गति, उच्च ताप, संलयन अभिक्रिया एक तारे के निर्माण के कारक हैं। तारे के विकास क्रम में सर्वप्रथम (प्रारंभिक अवस्था) प्रोटोस्टार का निर्माण होता है, तत्पश्चात तारा ‘विकास की मुख्य ‘अवस्था’ (Main Sequence Star) में प्रवेश करता है। rahmand ki Utpatti kaise hui:
- सूर्य के आकार का तारा इस अवस्था में 2 या 10 बिलियन वर्ष तक रहता है। इसके पश्चात तारे का हाइड्रोजन ईंधन विनष्ट होने लगता है और वह मृत्यु की ओर अग्रसर होता है। किसी तारे की जीवन-अवधि उसके आकार पर निर्भर करती है। सूर्य के आकार (One Solar Mass) के तारे की अवधि लगभग 2 या 10 बिलियन वर्ष होती है। तारा जितना बड़ा होता जाएगा, जीवन अवधि उतनी कम होती जाएगी।
- सूर्य से 100 गुना या अधिक बड़े तारे जिसकी सतह का तापमान 30,000 केल्विन से अधिक हो, की अवधि सिर्फ कुछ मिलियन वर्ष ही होती है। rahmand ki Utpatti kaise hui:
Brahmand ki Utpatti kaise hui: रक्त दानव (Red Giant- छोटा तारा) या सुपर रक्त दानव (Red Super Giant- बड़ा तारा) क्या हैं।
Brahmand ki Utpatti kaise hui: विकास की मुख्य अवस्था से निकलकर एक तारा वृद्धावस्था की ओर अग्रसर होता है, जिसमें उसकी बाहरी सतह फैलती है, वह ठंड़ा होता है और उसकी चमक कम हो जाती है। इस स्थिति को रक्त दानव (Red Giant- छोटा तारा) या सुपर रक्त दानव (Red Super Giant- बड़ा तारा) कहते हैं। rahmand ki Utpatti kaise hui:
इसके पश्चात हीलियम कार्बन में और कार्बन अन्य भारी पदार्थों, यथा-लोहा आदि में परिवर्तित होने लगता है, इसके फलस्वरूप तारे में तीव्र विस्फोट होता है, जिसे सुपरनोवा (Supernova) विस्फोट कहते हैं। रक्त दानव या सुपर रक्त दानव अवस्था में क्रमशः नोवा या सुपरनोवा विस्फोट के पश्चात तारा अपने आकार के अनुरूप मृत्यु की तीन दशाओं- कृष्ण वामन (Black Dwarf), न्यूट्रॉन स्टार (Neutran Star) या कृष्ण विवर (Black Hole) में से कोई एक प्राप्त करता है, जिनका विवर 1. सूर्य सदृश्य छोटे तारे- रक्त दानव अवस्था के पश्चात नोवा विस्फोट के बाद यदि अवशेष सौर्थिक द्रव्यमान (Solar Mass) के 1.44 गुने की सीमा के अंदर होगा, तो तारा श्वेत वामन (White Dwarf) बनेगा। rahmand ki Utpatti kaise hui:

- 1.44 सौर्थिक द्रव्यमान को चंद्रशेखर सीमा (Chandrashekhar Limit) कहते हैं।
- 2. मध्यम आकार के तारे- सुपर रक्त दानव अवस्था के पश्चात सुपरनोवा विस्फोट के बाद अवशेष 1.44 सौर्थिक द्रव्यमान से 3 सौर्थिक द्रव्यमान तक रहने वाले तारे न्यूट्रॉन तारे अथवा पल्सर के रूप में परिवर्तित हो जाने की संभावना रखते हैं।
- 3. बड़े आकार के तारे- सुपरनोवा विस्फोट के पश्चात 3 सौर्थिक द्रव्यमान से अधिक अवशेष वाले तारे कृष्ण विवर या ब्लैक होल में परिवर्तित होते हैं।
Black Hole Kya Hai: न्यूट्रॉन स्टार या कृष्ण विवर / ब्लैक होल
Brahmand ki Utpatti kaise hui: भारतीय-अमेरिकी भौतिकविद सुब्रमण्यम चंद्रशेखर ने वर्ष 1930 में 1.44 सौर्थिक द्रव्यमान की वह सीमा निश्चित की थी, जिसके अंदर के तारे श्वेत वामन बनते हैं और उसके ऊपर के अवशेष द्रव्यमान वाले तारे न्यूट्रॉन स्टार या कृष्ण विवर / ब्लैक होल के रूप में परिवर्तित होते हैं। ध्यान रहे कि 1.44 सौर्थिक द्रव्यमान की चंद्रशेखर सीमा नोवा या सुपरनोवा विस्फोट के बाद बचे अवशेष तारे के द्रव्यमान से सुनिश्चित होती है। rahmand ki Utpatti kaise hui:
ब्लैक होल का उच्च गुरुत्वाकर्षण तारे के संपूर्ण अवशेष को अपने अंदर समा लेता है। यहां तक कि इसके पास से गुजरने वाली कोई वस्तु भी इसके गुरुत्वाकर्षण से बच नहीं सकती है। एस. चंद्रशेखर ने जनवरी, 1935 में लंदन की रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की एक बैठक में अपना मौलिक शोध-पत्र प्रस्तुत किया और बताया कि सफेद बौने (White Dwarf) तारे एक निश्चित द्रव्यमान प्राप्त करने के बाद अपने भार में और वृद्धि नहीं कर सकते।
Brahmand ki Utpatti kaise hui: नोबेल पुरस्कार डॉ. एस. चंद्रशेखर एवं डब्ल्यू. ए. फाउलर को
Brahmand ki Utpatti kaise hui: भौतिकी के क्षेत्र में वर्ष 1983 का नोबेल पुरस्कार डॉ. एस. चंद्रशेखर एवं डब्ल्यू. ए. फाउलर को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। सुपरनोवा विस्फोट के पश्चात तारा मृत्यु की दशा को प्राप्त होता है। अतः सुपरनोवा एक मृतप्राय तारे की विस्फोट अवस्था है। सूर्य, हमारी गैलेक्सी आकाशगंगा के तारों में से एक है। गैलेक्सी में स्थित प्रत्येक तारा इसके केंद्र (Galactic Center) की परिक्रमा करता है। rahmand ki Utpatti kaise hui:
गैलेक्टिक केंद्र से लगभग 7.94 KPC या 25.896 हजार प्रकाश वर्ष की औसत दूरी तथा लगभग 828 हजार किमी./घंटा औसत गति के कारण सूर्य को एक परिक्रमा करने में लगभग 22.5 से 25 करोड़ वर्ष लगते हैं। पूर्व में इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन ने 1985 ई. में गैलेक्टिक केंद्र से लगभग 27,700 – प्रकाश वर्ष दूर माना था। परिक्रमा की यह अवधि ब्रह्माण्ड वर्ष (Cosmic Year) कहलाती है। सूर्य अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम दिशा में घूर्णन करता है, जो लगभग 24 दिन (24.47 दिन, मध्य भाग) से 35 (ध्रुवीय भाग) पृथ्वी दिवसों में पूर्ण करता है। rahmand ki Utpatti kaise hui:
Brahmand ki Utpatti kaise hui: कौन -कितना बड़ा सूर्य या पृथ्वी आकार और घनत्व में
Brahmand ki Utpatti kaise hui: सूर्य का व्यास पृथ्वी के व्यास के लगभग 109 गुना बड़ा है, सूर्य, पृथ्वी से लगभग 13 लाख गुना बड़ा है। *निर्वात में प्रकाश द्वारा 3 x 10 किमी./सेकंड की गति से एक वर्ष में चली गई दूरी प्रकाश वर्ष कहलाती है। प्रकाश वर्ष तारों के मध्य दूरी ज्ञात करने की इकाई है। एक प्रकाश वर्ष में दूरियों का विवरण विभिन्न इकाइयों में इस प्रकार है- एक प्रकाश वर्ष बराबर मीटर में- 9.461x 100 किमी. में 9.461 × 102 (9460528400000 किमी.), मिलीमीटर मुक्त में- 9.461 × 100, खगोलीय इकाई में 63.24 x 10′, मील में- 5.878 x 102 मील है। rahmand ki Utpatti kaise hui:
चंद्रशेखर सीमा क्या है : class 9 geography
class 9 geography: चंद्रशेखर सीमा से अधिक द्रव्यमान होने पर, घूमते इलेक्ट्रॉन अत्यधिक वेग पाकर नाभिक को छोड़कर बाहर चले जाते हैं, तथा न्यूट्रॉन बचे रह जाते हैं इस अवस्था को न्यूट्रॉन तारा या पल्सर कहते हैं। क्यासर एक चमकीला खगोलीय पिंड है, जो अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित करता है।आकाश में दिखने तारों का ऐसा समूह, जो हमें एक निश्चित आकृति में व्यवस्थित प्रतीत होते हैं तथा जिन्हें एक नाम प्रदान किया गया है, तारामंडल अथवा नक्षत्र (Constellation) कहलाते हैं। इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के अनुसार, आकाश में कुल 88 तारामंडल हैं। सप्तऋषि तारामंडल से ध्रुव तारे (Polaris) कर संकेत प्राप्त होता है। ध्रुव तारा उत्तर दिशा में चमकता है। ओरियन नेबुला हमारी आकाशगंगा के सबसे चमकीले तारों का समूह है।
प्रॉक्सिमा सेंचुरी सूर्य के बाद पृथ्वी का निकटतम तारा है। बीटलग्यूस ओरियन तारा समूह का दूसरा सबसे चमकीला तारा है। यह पृथ्वी से लगभग 650 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। इसे सर्वप्रथम 1836 ई. में सर जॉन हर्शेल ने देखा किंतु वर्ष 1995 में हब्बल दूरबीन ने इसका चित्र खींचा। सूर्य के अतिरिक्त किसी तारे का खींचा जाने वाला यह प्रथम चित्र था। तारे उत्तरी और दक्षिणी खगोलीय ध्रुवों (North & South Celestial Poles) के चारों ओर खगोलीय विषुवत रेखा (Celestial Equator) के समानांतर चक्कर लगाते हुए दिखाई देते हैं। उत्तरी एवं दक्षिणी खगोलीय ध्रुव, rahmand ki Utpatti kaise hui:
भौगोलिक उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों (Geographical North & South Poles) के ठीक ऊपर स्थित होते हैं तथा खगोलीय विषुवत रेखा पृथ्वी की विषुवत रेखा के लगभग ऊपर एवं ध्रुवों के सदैव 90° पर स्थित होती है और यह क्षितिज पर पूर्व एवं पश्चिम के बिंदुओं से अंतरोध करती है। खगोलीय ध्रुवों के अंशों (Degrees) की संख्या क्षितिज की विषुवत रेखा के अक्षांशों के बराबर होती है। अतः यदि कोई प्रेक्षक (Observer) तारों को क्षितिज से लंबवत उठते हुए निश्चित ही वह विषुवत रेखा पर है। अंतरिक्ष यान में बैठे व्यक्ति को देखता है, तो आकाश का रंग काला दिखाई देता है, क्योंकि अंतरिक्ष में वायुमंडल ……..है ।
Brahmand ki Utpatti kaise hui: शार्ट में
लेख ( Heading) | व्याख्या ( Explain) |
ग्रहों की उत्पत्ति के संबंध में | सर्वप्रथम तर्कपूर्ण परिकल्पना का प्रतिपादन फ्रांसीसी वैज्ञानिक ‘काम्ते द बफन (Comte De Buffon)’ द्वारा सन् 1749 में किया गया था। जर्मन दार्शनिक इमैनुअल कांट (Immanuel Kant) ने भी 1754-55 ई. में ग्रहों की उत्पत्ति से संबंधित सिद्धांत दिया, जिसे 1796 ई. में गणितज्ञ लाप्लास (Laplace) ने संशोधित किया। यह सिद्धांत निहारिका परिकल्पना (Nebular Hypothesis) के नाम से जानी जाती है। |
ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति का सबसे आधुनिक सिद्धांत | : ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति का सबसे आधुनिक सिद्धांत विस्तारवादी या महाविस्फोट सिद्धांत (Big Bang Theory) है। इस सिद्धांत का प्रतिपादन जॉर्ज लेमेंतेयर (1894-1966) ने वर्ष 1927 में किया था, जिसे वर्ष 1949 में फ्रेड होयल द्वारा ‘बिग बैंग’ नाम दिया गया। बाद में रॉबर्ट बेगनर ने वर्ष 1967 में इस सिद्धांत की व्याख्या प्रस्तुत की। |
गैलेक्सियों के अनंत समूह का सम्मिलित रूप ही ब्रह्माण्ड है। | अवलोकनीय ब्रह्माण्ड में अनुमानतः 100 से 200 अरब गैलेक्सी हैं। प्रत्येक गैलेक्सी में अनुमानतः 100 अरब तारे हैं। हालांकि यह संख्या अधिक भी हो सकती है। हमारी गैलेक्सी जिसमें हमारा सौरमंडल स्थित है, उसे ‘मंदाकिनी’ या ‘आकाशगंगा’ या ‘दुग्ध मेखला’ (Milky Way) कहते हैं। |
न्यूट्रॉन स्टार या कृष्ण विवर / ब्लैक होल | भारतीय-अमेरिकी भौतिकविद सुब्रमण्यम चंद्रशेखर ने वर्ष 1930 में 1.44 सौर्थिक द्रव्यमान की वह सीमा निश्चित की थी, जिसके अंदर के तारे श्वेत वामन बनते हैं और उसके ऊपर के अवशेष द्रव्यमान वाले तारे न्यूट्रॉन स्टार या कृष्ण विवर / ब्लैक होल के रूप में परिवर्तित होते हैं। ब्लैक होल का उच्च गुरुत्वाकर्षण तारे के संपूर्ण अवशेष को अपने अंदर समा लेता है। यहां तक कि इसके पास से गुजरने वाली कोई वस्तु भी इसके गुरुत्वाकर्षण से बच नहीं सकती है। |
Brahmand ki Utpatti kaise hui: Overview
प्रश्न ( हेडिंग) | उत्तर ( व्याख्या) |
ब्रह्मांड की उत्पत्ति कब और कैसे हुई? | 13.8 अरब साल पहले ब्रह्मांड का निर्माण’ बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार 13.8 अरब साल पहले ब्रह्मांड का निर्माण हुआ था। यह सिद्धांत बताता है कि इस घटनाक्रम से द्रव्य और प्रतिद्रव्य समान मात्रा में उत्पन्न होने चाहिए |
ब्रह्मांड में सबसे पहले किसकी उत्पत्ति हुई? | ब्रम्हांड की उत्पत्ति लगभग 15 अरब साल पहले घने, गर्म बूँद के रूप में शुरु हुआ था. इस अवधि के दौरान, ब्रह्मांड केवल हाइड्रोजन और हीलियम की एक छोटी राशि से निर्मित था. साथ ही कोई तारे और ग्रहों का उस समय किसी भी प्रकार का कोई अस्तित्व नहीं था |
ब्रह्मांड कहां खत्म होता है? | सभी आकाशगंगाओं, ग्रहों और तारों के बीच की दूरी हर समय खिंचती जा रही है, जैसे रबर बैंड पर डॉट्स। यह कभी समाप्त नहीं होता है , लेकिन यह लगातार विस्तार भी कर रहा है। वैज्ञानिकों को नहीं लगता कि ब्रह्मांड का कोई वास्तविक किनारा है। |
हमारा ब्रह्मांड कब तक रहेगा? | 22 billion years in the future is the earliest possible end of the Universe in the Big Rip scenario, assuming a model of dark energy with w = −1.5. यदि हिग्स फील्ड मेटास्टेबल है तो 20 से 30 बिलियन वर्षों में गलत वैक्यूम क्षय हो सकता है |
दो तारे टकराने से क्या होगा? | दो अत्यधिक सघन मृत तारा कोर टकराते हैं, तो परिणाम एक किलोनोवा होता है। यह भारी तत्वों के सड़ने से बनी टक्कर का एक उज्ज्वल प्रकाश है। लंबे समय तक, वैज्ञानिकों ने सोचा कि कीमती धातुएं और भारी तत्व सुपरनोवा से बाहर निकल गए हैं। |
Brahmand ki Utpatti kaise hui:FAQ;s
ब्रह्मांड की रचना कैसे हुई और किसने की?
एक बिग-बैंग यानी एक बहुत बड़ा धमाका हुआ और धुंधली गैसें ठोस होती गईं, फिर इस ब्रह्माण्ड की रचना हुई।
ब्रह्माण्ड का क्या अर्थ है?
सम्पूर्ण समय और अंतरिक्ष और उसकी अंतर्वस्तु को कहते हैं। ब्रह्माण्ड में सभी ग्रह, तारे, गैलेक्सियाँ, खगोलीय पिण्ड, गैलेक्सियों के बीच के अंतरिक्ष की अंतर्वस्तु, अपरमाणविक कण, और सारा पदार्थ और सारी ऊर्जा सम्मिलित है।
ब्रह्मांड में सबसे पहले क्या था?
सूक्ष्म बिंदु में करीब 14 अरब साल पहले महाविस्फोट हुआ। इसे ही बिग बैंग कहते हैं। विस्फोट से बिंदु टुकड़े-टुकड़े होकर इधर-उधर छिटकने लगा। इसी से ब्रह्मांड की शुरुआत हुई।
ब्रह्मांड में कितने ब्लैक होल है?
ब्रह्मांड में 40,000,000,000,000,000,000, या 40 क्विंटल, तारकीय-द्रव्यमान वाले ब्लैक होल अवलोकनीय ब्रह्मांड को आबाद करते हैं,
ब्लैक होल की खोज किसने की थी?
ब्लैक होल अंतरिक्ष का एक आयतन है जहाँ गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि कुछ भी, यहां तक कि प्रकाश भी, इससे बच नहीं सकता है। इस आश्चर्यजनक विचार की घोषणा पहली बार 1783 में एक अंग्रेजी देशी पार्सन जॉन मिशेल ने की थी।
भूगोल का क्या अर्थ है?
पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महाद्वीप, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, जल-संधियाँ, वन आदि) का ज्ञान होता है। प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है।
भूगोल का पिता कौन है?
कार्ल रिटर (1779-185 9), आधुनिक भूगोल के संस्थापकों में से एक और बर्लिन के हम्बोल्ट विश्वविद्यालय में भूगोल में पहली कुर्सी में से एक माना जाता है
भूगोल का पूरा नाम क्या है?
‘भूगोल’ का अंग्रेजी शब्द है Geography (जियोग्राफी)। Geography शब्द दो ग्रीक शब्द से मिलकर बना है एक है ‘Geo’ और दूसरा ‘Graphos’ से मिलकर बना है। Geo शब्द का अर्थ है ठोस, तरल और गैसीय पदार्थों से बनी पृथ्वी और Graphos का अर्थ वर्णन करना। अर्थात ‘geography’ का अर्थ है पृथ्वी का वर्णन करना।