China Nepal Relations

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China Nepal Relations

China Nepal Relations हाल ही में नेपाल की सेना ने भारत-नेपाल सीमा के निकट बनने वाले काठमांडू- तराई-मधेश एक्सप्रेसवेके छठे पैकेज का निविदा/ टेंडर चीन की चाइना फर्स्ट हाईवे इंजीनियरिंगनामक कंपनी को दे दिया है। China Nepal Relations

China Nepal Relations

प्रमुख तथ्य बिंदु

  1. यह एक्सप्रेसवे नेपाल की राजधानी काठमांडू को तराई क्षेत्र में निजगढ़ से जोड़ेगा, जो भारतीय सीमा के करीब है।
  2. इस एक्सप्रेसवे का निर्माण वर्ष 2017 में शुरू किया गया था तथा इसे वर्ष 2024 में पूरा किया जाना था।

 अन्य परियोजनाएँ

  1. अगस्त 2022 में चीन ने नेपाल को विभिन्न परियोजनाओं में निवेश के लिये 15 बिलियन का अनुदान देने का वादा किया था।
  2. चीनी विदेशमंत्री ने इस अनुदान सहायता के तहत चीन कीरुंग-काठमांडू रेलवेका व्यवहार्यता अध्ययन के साथ नेपाल-चीन क्रॉस बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइन के पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन तथा नेपाल में एक उर्वरक फैक्ट्री स्थापित करने के लिये समर्थन का भी आश्वासन दिया था।
  3. गौरतलब है कि नेपाल में वामपंथी दल से संबंधित केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री बनने के बाद वर्ष 2016 में चीन के साथ दोनों देशों के बीच सीमापार रेलवे के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।

ट्रांस हिमालयन मल्टी-डायमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क –

  1. इससे पूर्व अगस्त 2022 में चीन एवं नेपाल द्वारा ट्रांस हिमालयन मल्टी-डायमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क के निर्माण पर सहमति व्यक्त की गई थी।
  2. ट्रांस हिमालयन मल्टी-डायमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क को ट्रांस हिमालय नेटवर्क के नाम से भी जाना जाता है। यह चीन की BRI पहल के तहत नेपाल में संचालित कई रणनीतिक विकास परियोजनाओं में से एक है।
  3. वर्ष 2019 चीन एवं नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी(Strategic Partnership) में बदल दिया गया। नेपाल में बेल्ट एंड रोड पहल की शुरुआत China Nepal Relations 

 

  1. नेपाल द्वारा बेल्ट एंड रोड पहल में शामिल होने के लिये वर्ष 2017 में चीन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। नेपाल में BRI उपक्रमों में तेजी लाने के लिये अक्तूबर 2019 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने काठमांडु का दौरा किया। वर्ष 2019 में चीन ने नेपाल में 52.4 बिलियन की विभिन्न परियोजनाओं की एक श्रृंखला शुरू की जो नेपाल के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 7% था।
  2. ■ BRI परियोजना के तहत चीन के नेतृत्व वाले एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) और सिल्क रोड फंड (SRF) के माध्यम से भी ऋण आम तौर पर वाणिज्यिक रूप से दिये जाते हैं। China Nepal Relations

नेपाल की चिंताएँ

  1. नेपाली सरकार की चीन के साथ तीन मुख्य चिंताएँ हैं। पहली, नेपाल वाणिज्यिक ऋणों की बजाय चीन से
    अनुदान और आसान ऋणों को प्राथमिकता देता है। China Nepal Relations

  2. दूसरी ब्याज दर और पुनर्भुगतान का समय विश्व बैंक एवं एशियाई विकास बैंक जैसी बहुपक्षीय वित्त पोषण एजेंसियों के अनुरूप होना चाहिये। तीसरी बीआरआई परियोजनाओं को प्रतिस्पद्धी बोली के लिये खुला होना चाहिये।
  3. ■ BRI परियोजनाओं में पारदर्शिता की कमी के कारण नेपाल सरकार को देश में काफी विरोध का सामना करना पड़ा है।

भारत के लिये चुनौती

  1. चीन का बढ़ता हस्तक्षेप: BRI के तहत तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में ग्यारोग से काठमांडू तक 70 किमी की एक रेलवे लाइन की योजना भी शामिल है, जिससे इस क्षेत्र में चीन की पहुँच मजबूत होगी है। चीन का बढ़ता हस्तक्षेप नेपाल में रह रहे तिब्बती शरणार्थियों के अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
  2. इसके अतिरिक्त भारतीय सीमा से इन परियोजनाओं की निकटता किसी भी विषम परिस्थिति में भारत के लिये एक बड़ी चुनौती पैदा कर सकता है।
  3. संवेदनशील पारिस्थितिकी वर्ष 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद से विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में बढ़ती विकास परियोजनाओं के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की है।

नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी

  1. नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी से चीन की निकटता के अतिरिक्त नेपाल के स्कूली पाठ्यक्रम में चीनी भाषा को शामिल करना एवं रोज़गार के लिये नेपाली युवाओं का चीन की बढ़ते झुकाव को भारत एक चुनौती के रूप में देखता है।
  2. हिमालयन क्वाडः विशेषज्ञों के अनुसार, चीन हिमालय क्षेत्र के तीन अन्य देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नेपाल) में अपनी पहुँच मज़बूत कर एक हिमालयन क्वाड स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद भारत के लिये यह क्षेत्र और भी संवेदनशील हो गया है।

 

  1. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) और ट्रांस- हिमालयन कनेक्टिविटी नेटवर्क (THCM) जैसे नए चीनी-वित्तपोषित आर्थिक गलियारे न केवल व्यापार को प्रभावित करेंगे, बल्कि मेज़बान देशों के रणनीतिक, सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य पर भी महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे।
  2. विशेषज्ञों के अनुसार, इन परियोजनाओं के माध्यम से चीन हिमालय क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधानों पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है।
  3. द्विपक्षीय संबंधः नेपाल एक स्थलरुद्ध देश है जो ऐतिहासिक रूप से व्यापार और पारगमन के लिये भारत पर रहा है, परंतु चीन के निवेश ने नेपाल को एक नया विकल्प प्रदान किया।
  4. भारत की स्वतंत्रता के बाद से पड़ोसी देशों के अतिरिक्त हिमालय क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी भारत की पहुँच को बढ़ाने पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। भारत-नेपाल संबंध

भारत-नेपाल संबंध

  1. भारत और नेपाल घनिष्ठ पड़ोसियों के रूप में मित्रता तथा सहयोग के अनूठे संबंधों को साझा करते हैं, जिसमें दोनों देशों के बीच खुली सीमा, लोगों के बीच पारिवारिक एवं सांस्कृतिक संबंध इसे मज़बूत आधार प्रदान करते हैं।भारत-नेपाल संबंध
  2. दोनों देश लगभग 1850 किमी0 से अधिक लंबी सीमा साझा करते हैं, जो भारत के पाँच राज्यों (सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड) से होकर गुज़रती है।

 

  1. भारत की स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1950 की भारत-नेपाल शांति और मित्रता संधिने माध्यम से दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को एक मज़बूत आधार प्रदान किया गया।
  2. भारत और नेपाल के बीच रक्षा क्षेत्र में व्यापक सहयोग देखने को मिलता है भारत द्वारा नेपाल सेना को आधुनिकीकरण में उपकरणों की आपूर्ति और प्रशिक्षण के माध्यम से सहयोग प्रदान किया जा रहा है। आगे की राह

 

  1. भारतीय सेना की गोरखा रेजीमेंट का गठन आंशिक रूप से नेपाल के पहाड़ी जिलों से आने वाले युवाओं (वर्तमान में लगभग 32,000 नेपाली गोरखा सैनिक) की लगातार भर्ती की जाती है। आगे की राह
  2. हाल के वर्षों में, भारत द्वारा तराई क्षेत्र में 10 सड़कों के उन्नयन के माध्यम से सीमा अवसंरचना के विकास में नेपाल की सहायता की गई। है। जोगबनी-विराटनगर, जयनगर-बरदीबास में सीमा पार रेल संपर्क का विकास; और बीरगंज, विराटनगर, भैरहवा तथा नेपालगंज में एकीकृत सुरक्षा चौकियों की स्थापना आदि इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
  3. सांस्कृतिकः भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूत करने के लिये कई समझौता ज्ञापन समझौतों के बीच हस्ताक्षर किये गए हैं: (i) साहित्य कला अकादमी (भारत) और नेपाल अकादमी, (ii) दूरदर्शन (भारत) और नेपाल टीवी, (iii) भारतीय प्रेस परिषद और नेपाल की प्रेस परिषद, (iv) ललित कला अकादमी (भारत) और नेपाल ललित कला अकादमी।

 

  1. इसके अतिरिक्त भारत और नेपाल के बीच दोनों देशों में तीन सिस्टर- सिटिज‘ (काठमांडू-वाराणसी, लुंबिनी बोधगया और जनकपुर-अयोध्या के विकास हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए हैं। 
  2. भारत और नेपाल कई बहुपक्षीय मंचों जैसे- BBIN (बांग्लादेश, भूटान, भारत व नेपाल), बिम्सटेक, गुटनिरपेक्ष आंदोलन एवं सार्क (क्षेत्रीय सहयोग के लिये दक्षिण एशियाई संघ) के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में साझा सहयोग को बढ़ावा देते हैं।
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भारत को अपने पड़ोसी देशों में चीन के हस्तक्षेप को कम करने के लिये सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये द्विपक्षीय समझौतों के साथ समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय निवेश को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिये।
नेपाल ने मार्च 2022 में $500 मिलियन के अमेरिकी मिलेनियम चैलेंज कॉर्पोरेशन अनुदान को स्वीकार किया था। इस अनुदान का उद्देश्य नेपाल के महत्त्वपूर्ण सड़क नेटवर्क और बिजली पारेषण लाइन के उन्नयन का वित्तपोषण करना है। इसके अतिरिक्त, अमेरिका ने नेपाल की अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिये $659 मिलियन की सहायता प्रदान की।
भारत को पड़ोसी देशों के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में पहुँच मजबूत करने के लिये अवसंरचना परियोजनाओं के तीव्र विकास पर जोर देना चाहिये।  आगे की राह
China Nepal Relations उपरोक्त से संबन्धित महत्वपूर्ण सारणी
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यह एक्सप्रेसवे नेपाल की राजधानी काठमांडू को तराई क्षेत्र में निजगढ़ से जोड़ेगा, जो भारतीय सीमा के करीब है।

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हाल ही में नेपाल की सेना ने भारत-नेपाल सीमा के निकट बनने वाले काठमांडू- तराई-मधेश एक्सप्रेसवेके छठे पैकेज का निविदा/ टेंडर चीन की चाइना फर्स्ट हाईवे इंजीनियरिंगनामक कंपनी को दे दिया है।
इस एक्सप्रेसवे का निर्माण वर्ष 2017 में शुरू किया गया था तथा इसे वर्ष 2024 में पूरा किया जाना था। China Nepal Relations
अगस्त 2022 में चीन ने नेपाल को विभिन्न परियोजनाओं में निवेश के लिये 15 बिलियन का अनुदान देने का वादा किया था।


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