1 .राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR ) अपना 18वाँ स्थापना दिवस मना रहा है
• इस अवसर को पूरी तरह बच्चों को समर्पित करने हेतु आयोग ने 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस पर एक प्रश्नोत्तरी का शुभारंभ किया
• इस अभियान का मक़सद, बाल अधिकारों के प्रति बच्चों में जागरूकता फैलाना है, जिन्हें जानना बच्चों के लिए बहुत ज़रूरी है
■ यह बच्चों को उनके अधिकारों के लिए सशक्त बनाने का एक मंच है
• यह अपनी तरह का पहला विशाल कार्यक्रम है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में बच्चे हिस्सा ले रहे हैं
स्वामी विवेकानंद के संदेशों से प्रेरणा लेते हुए यह अभियान बच्चों में बाल अधिकार जागरूकता को आगे बढ़ाने के साथ ही सशक्त राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा
• इसमें प्रतिभागी न केवल अपना ज्ञान बढ़ा सकेंगे, बल्कि इसके ज़रिये देशभर के बच्चों के बीच बाल अधिकारों पर चर्चा का वातावरण तैयार होगा
प्रश्नोत्तरी को आयु वर्गों के अनुसार विभाजित किया गया है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बारे में :
■ गठन : बाल अधिकार संरक्षण आयोग (CPCR) अधिनियम, 2005 की धारा 3 के तहत
• यह एक वैधानिक निकाय है
• उद्देश्य : बाल अधिकारों और अन्य संबंधित मामलों की रक्षा करना .
• आयोग के पास CPCR अधिनियम की धारा 14 व नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत मुकदमे की सुनवाई करने वाली सिविल कोर्ट की शक्तियाँ भी हैं
2– • भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पहली बार बासमती चावल के लिए व्यापक नियामक मानकों को अधिसूचित किया है!
ये मानक इस साल 1 अगस्त से लागू हो जाएंगे
• केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, मानकों का उद्देश्य बासमती चावल के व्यापार में उचित व्यवहार स्थापित करना और उपभोक्ता हितों की रक्षा करना है
■ इन मानकों के अनुसार, बासमती चावल में बासमती चावल की प्राकृतिक सुगंध विशेषताएँ होनी चाहिए; साथ ही इसे कृत्रिम रंग, पॉलिशिंग एजेंटों और कृत्रिम सुगंधों से मुक्त भी होना चाहिए
• ये मानक बासमती चावल के लिए विभिन्न पहचान और गुणवत्ता मानकों को भी निर्दिष्ट करते हैं, उदाहरण के तौर पर बासमती चावल के लिए-
• चावल के दाने का औसत आकार,
• पकाने के पूर्व और उसके बाद लम्बाई में बदलाव का अनुपात, .
• नमी, यूरिक अम्ल और क्षतिग्रस्त अनाज आदि की अधिकतम सीमा
■ दरअसल प्रीमियम गुणवत्ता वाला चावल होने और अन्य किस्मों की तुलना में अधिक कीमत मिलने के कारण, बासमती चावल में विभिन्न प्रकार की मिलावट की संभावना होती है।
• एक नियामक मानक स्थापित करने से घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में वास्तविक बासमती चावल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी
बासमती चावल के बारे में
• यह भारतीय उपमहाद्वीप के हिमालय की तलहटी में उगाए जाने वाले चावल की एक प्रीमियम किस्म है
• यह घरेलू और विश्व स्तर पर चावल की व्यापक रूप से खपत की जाने वाली किस्म मानी जाती है
3– • हाल ही में नई दिल्ली में जैव ऊर्जा शिखर सम्मेलन ( BES) 2023 का आयोजन किया गया!
• यह इस सम्मेलन का 11वाँ संस्करण था
• केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसे संबोधित किया
• उद्देश्य : नवोन्मेषकों को अवसर प्रदान करना और भविष्य हेतु स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा समाधानों का एक विकल्प प्रदान करना
• विषय (Theme) – ऊर्जा पारेषण- एक सतत भविष्य के लिए समाधान (Energy Transition- Solution for a Sustainable Tomorrow)• BES 2023, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) का एक प्रमुख कार्यक्रम है
• यह सम्मेलन, देशभर में और अधिक गतिविधियाँ शुरू करने तथा वर्ष के अंत में G-20 शिखर सम्मेलन हेतु एक मार्ग प्रशस्त करने का शानदार अवसर है
• सम्मेलन में समग्र स्थिरता एजेंडा में जैव ईंधन की प्रासंगिकता पर भी विचार- विमर्श किया गया
• साथ ही जलवायु परिवर्तन और सतत विकास सहित दुनिया के समक्ष आने वाली चुनौतियों के समाधान पर भी चर्चा शामिल रही
• इसमें छह सत्रों में 30 से अधिक वक्ताओं ने संबोधित किया, जो कंप्रेस्ड बायोगैस, एथेनॉल, वित्तपोषण व अपशिष्ट से जैव ईंधन निर्माण आदि पर केंद्रित
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के विषय में :
■ शुरुआत: 1895 में इंजीनियरिंग एंड आयरन ट्रेड्स एसोसिएशन (EITA) के रूप में
• यह एक ग़ैर-सरकारी, ग़ैर-लाभकारी, उद्योग-आधारित और उद्योग प्रबंधित संगठन है
■ यह सलाहकार व परामर्श संबंधी प्रक्रियाओं के ज़रिये भारत के विकास, उद्योग, सरकार व नागरिक समाज के बीच साझेदारी हेतु अनुकूल वातावरण बनाने का कार्य करता है
• यह प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति बनाने और नेटवर्किंग के लिए एक मंच भी प्रदान करता है
• इसके ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि देशों में विदेशी कार्यालय हैं
4– • वायु रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाते हुए भारत और जापान के बीच एक संयुक्त हवाई अभ्यास शुरू हो रहा है
■ इस द्विपक्षीय अभ्यास का नाम है- वीर गार्जियन (Veer Guardian) 2023
• भारत और जापान के बीच इस हवाई अभ्यास का यह पहला संस्करण है
• उद्देश्य : दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाना
■ इसका आयोजन 12 से 26 जनवरी, 2023 तक जापान के हयाकुरी एयर बेस में किया जाएगा
• इसमें पहली बार होगा जब एक भारतीय वायु सेना की महिला फाइटर पायलट एक विदेशी भूमि में हवाई युद्ध के लिए भारतीय दल का हिस्सा होंगी
■ इस अभ्यास में भारतीय वायु सेना (IAF) और जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स (JASDF) के बीच विभिन्न हवाई युद्ध अभ्यासों का आयोजन होगा
इसमें IAF दल में चार Su-30 MKI, दो C-17 और एक IL-78 विमान शामिल होंगे
वहीं, JASDF दल में चार F-2 और चार F-15 विमान शामिल होंगे
• अभ्यास में जटिल वातावरण में मल्टी-डोमेन एयर कॉम्बैट मिशन भी शामिल होंगे, जिससे आपसी सर्वोत्तम अभ्यासों का आदान-प्रदान होगा
• इसके अतिरिक्त, दोनों पक्षों द्वारा विभिन्न परिचालन पहलुओं पर चर्चा भी होगी
• बता दें कि इस अभ्यास के आयोजन का निर्णय सितंबर 2022 में टोक्यो में आयोजित दूसरी 2+2 विदेश व रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान लिया गया था
• यह अभ्यास दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों सहित रणनीतिक संबंधों व घनिष्ठ रक्षा सहयोग को गहरा करने की दिशा में एक और कदम होगा