Earth Rotation: पृथ्वी सौरमंडल में दो प्रकार से गति करती है- 1. घूर्णन गति pation)- इसे दैनिक गति भी कहते हैं। 2. परिक्रमण (Revolution)- इसे वार्षिक गति भी कहते हैं। पृथ्वी सदैव अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की दिशा में घूमती रहती है, जिसे पृथ्वी का घूर्णन या परिभ्रमण (Rotation) कहते हैं। इसके कारण दिन व रात होते हैं। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5° झुकी है इसलिए सदैव दिन-रात बराबर नहीं होता है। विषुवत रेखा पर सदैव दिन-रात बराबर होता है, क्योंकि इसे प्रकाश वृत्त हमेशा दो बराबर भागों में बांटता है। Earth Rotaion:
21 मार्च से 23 सितंबर की अवधि में उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य का प्रकाश 12 घंटे या अधिक समय तक प्राप्त करता है। अतः यहां दिन बड़े एवं रातें छोटी होती हैं। जैसे-जैसे उत्तरी ध्रुव की ओर बढ़ते जाते हैं, दिन की अवधि भी बढ़ती जाती है। उत्तरी ध्रुव पर दिन की अवधि छः महीने की होती है। 23 सितंबर से 21 मार्च तक सूर्य का प्रकाश दक्षिणी गोलार्द्ध में 12 घंटे या अधिक समय तक प्राप्त होता है। जैसे-जैसे दक्षिणी ध्रुव की ओर जाते हैं वैसे – वैसे दिन की अवधि भी बढ़ती जाती है। दक्षिणी ध्रुव पर इसी कारण छः महीने का दिन होता है।पृथ्वी अपने अक्ष पर घूर्णन के साथ सूर्य के चारों ओर दीर्घ वृत्ताकारमार्ग (Geoid) पर लगभग 365 दिन, 6 घंटे में एक चक्कर लगाती है।अतः पृथ्वी की सूर्य के सापेक्ष स्थितियां बदलती रहती हैं। Earth Rotation
Earth Rotation: पृथ्वी के परिक्रमण में चार मुख्य अवस्थाएं
Earth Rotation: पृथ्वी के परिक्रमण में चार मुख्य अवस्थाएं पृथ्वी के परिक्रमण में चार मुख्य अवस्थाएं आती हैं तथा इन्हीं विभिन्न अवस्थाओं में ऋतु परिवर्तन होते हैं। संक्रांतियां (Solstices) वर्ष में दो बार होती हैं। ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) – 20/21 जून को सूर्य कर्क देखा पर लंबवत चमकता है।Earth Rotation
20/21 मार्च को वसंत विषुव (Vernal Equinox) के समय तथा 22/23 सितंबर को शरद विषुव (Autumnal Equinox) के समय दिन-रात बराबर होते हैं। इन स्थितियों में सूर्य विषुवत रेखा पर लंबवत चमकता है। पृथ्वी के अक्षीय झुकाव (Axial Inclination) तथा परिक्रमण गति के कारण पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में 23° उत्तरी अक्षांश पर स्थित कर्क रेखा 21 मार्च से सूर्य की ओर उन्मुख होना प्रारंभ करती है। 3 माह पश्चात 21 जून को कर्क रेखा सूर्य के ठीक सामने होती हैं। अर्थात इस तिथि को सूर्य कर्क रेखा पर लंबवत चमकता है।
Earth Rotation: पृथ्वी की सूर्य से दूरी तथा उस वस्तु के सूर्य के प्रकाश
Earth Rotation: किसी वस्तु की छाया पृथ्वी की सूर्य से दूरी तथा उस वस्तु के सूर्य के प्रकाश से बनने वाले कोण पर निर्भर करती है। सबसे छोटी छाया तब बनेगी जब कोण सबसे कम बनेगा। ग्रीष्म अयनांत की 21 जून की तिथि को ठीक 12 बजे कर्क रेखा पर सूर्य सबसे दूरी से लंबवत चमकेगा अर्थात उन स्थानों पर वस्तु से शून्य या शून्य से कुछ अधिक अंश का कोण बनेगा। पृथ्वी यदि सभी स्थानों पर समतल होती अर्थात इसकी आकृति चपटी होती, तो कर्क रेखा पर सभी स्थानों पर 12 बजे (21 जून को) शून्य अंश का कोण बनता लेकिन वक्राकार होने के कारण मूल स्थान से हटकर अन्य स्थानों पर 0 से अधिक अंश का कोण बनेगा। 0 अंश का कोण बनने पर छाया एकदम नहीं बनेगी। कर्क रेखा से विचलन के अनुरूप छाया का आकार भी बढ़ेगा-घटेगा। यह उत्तरी गोलार्द्ध में 21 जून को अन्य दिनों की तुलना में न्यूनतम होगा। Earth Rotation

Earth Rotation: सबसे छोटी रातें और दिन
Earth Rotation: सबसे छोटी रातें और दिनकर्क संक्राति के समय उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रातें होती हैं, इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रातें होती हैं, जबकि विषुवत रेखा पर रात एवं दिन की अवधियों में कोई अंतर नहीं होता है। वहां वर्ष भर 12-12 घंटे के ही दिन रहते हैं। अतः स्पष्ट है कर्क संक्रांति के समय 12 घंटे का दिन विषुवत रेखा पर ही होगा, क्योंकि उत्तरी गोलार्द्ध में इस समय दिन की अवधि 12 घंटे से काफी अधिक रहती है।Earth Rotation
Earth Rotation:Overview
लेख ( हेडिंग) | व्याख्या ( Explain) |
Earth Rotation ( पृथ्वी अपनी धुरी पर कितनी घूमती है) | 24 घंटे |
पृथ्वी के परिक्रमण में चार मुख्य अवस्थाएं | पृथ्वी के परिक्रमण में चार मुख्य अवस्थाएं पृथ्वी के परिक्रमण में चार मुख्य अवस्थाएं आती हैं तथा इन्हीं विभिन्न अवस्थाओं में ऋतु परिवर्तन होते हैं। संक्रांतियां (Solstices) वर्ष में दो बार होती हैं। ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) – 20/21 जून को सूर्य कर्क देखा पर लंबवत चमकता है। |
Earth Rotaion: पृथ्वी की सूर्य से दूरी तथा उस वस्तु के सूर्य के प्रकाश | किसी वस्तु की छाया पृथ्वी की सूर्य से दूरी तथा उस वस्तु के सूर्य के प्रकाश से बनने वाले कोण पर निर्भर करती है। सबसे छोटी छाया तब बनेगी जब कोण सबसे कम बनेगा। ग्रीष्म अयनांत की 21 जून की तिथि को ठीक 12 बजे कर्क रेखा पर सूर्य सबसे दूरी से लंबवत चमकेगाEarth Rotation |
Earth Rotation: सबसे छोटी रातें और दिन | कर्क संक्राति के समय उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रातें होती हैं, इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रातें होती हैं, जबकि विषुवत रेखा पर रात एवं दिन की अवधियों में कोई अंतर नहीं होता है। वहां वर्ष भर 12-12 घंटे के ही दिन रहते हैं। अतः स्पष्ट है कर्क संक्रांति के समय 12 घंटे का दिन विषुवत रेखा पर ही होगा, क्योंकि उत्तरी गोलार्द्ध में इस समय दिन की अवधि 12 घंटे से काफी अधिक रहती है। |
Earth Rotation: FAQ;s
पृथ्वी की घूर्णन गति क्या है?
पृथ्वी पश्चिम से पूर्व लगभग 1,670 किमी. प्रति घंटे (463 मीटर प्रति सेकेण्ड) की चाल से 23 घंटे, 56 मिनट व 4 सेकंड में एक घूर्णन पूरा करती है। इसी कारण पृथ्वी पर दिन-रात होते हैं।
1 घंटे में पृथ्वी कितनी बार घूमती है?
पृथ्वी एक घंटे में 15 ° चलती है। 24 घंटे में, पृथ्वी 360 ° का एक चक्कर पूरा करती है अपनी धुरी के साथ। 1 डिग्री देशांतर 4 मिनट के बराबर होता है।
180 डिग्री देशांतर कहां है?
अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा, 1884 में स्थापित, मध्य-प्रशांत महासागर से होकर गुजरती है और मोटे तौर पर पृथ्वी पर 180 डिग्री देशांतर उत्तर-दक्षिण रेखा का अनुसरण करती है।
कर्क रेखा कितनी है?
कर्क रेखा की कुल लम्बाई 3214 किलोमीटर हैं. 23.4364N पर कर्क रेखा की लंबाई 36,788 किमी (22,859 मील) है।
मकर रेखा पर कुल कितने देश हैं?
दस देश मकर रेखा पर स्थित हैं। वे तीन महाद्वीपों में फैले हुए हैं। मकर रेखा पर स्थित दस देशों में से पाँच अफ्रीकी देश हैं। वे नामीबिया, बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका, मोज़ाम्बिक और मेडागास्कर हैं।
पृथ्वी के घूमने की गति किलोमीटर प्रति घंटा में कितनी है ?
पृथ्वी हर 23h 56m (23.933h) में एक बार घूमती है, इसलिए भूमध्य रेखा पर जहां पृथ्वी की परिधि 2ΠR = 2×3 है। 14×6378 किमी = 40,000 किमी इसे व्रोट = 40000 किमी/23.933h = 1,674 किमी/घंटा की गति से यात्रा करनी है।
पृथ्वी 360 डिग्री है?
360 degrees around its axis in 24 hours .
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