1-अक्षांश और देशांतर का निर्धारण (मापन) कोणीय रूप क्या है –
latitude पृथ्वी के तल पर किसी भी देश अथवा नगर की स्थिति का निर्धारण उस स्थान के अक्षांश एवं देशांतर के अध्ययन द्वारा ही किया जाता है। अक्षांश और देशांतर का निर्धारण (मापन) कोणीय रूप में किया जाता है।
2-उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव के रूप में किसे जाना जाता है ?
पृथ्वी द्वारा अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व घूर्णन करने से दो प्राकृतिक संदर्भ बिंदु प्राप्त होते हैं, जिन्हें उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव के रूप में जाना जाता है। latitude
अक्षांशों को 0° (विषुवत् रेखा) से 90° (ध्रुव) के मध्य बाँटा गया है जबकि देशांतरों का 0° (प्रधान याम्योत्तर रेखा) से 180° (अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा) में विभाजन किया गया है। latitude
दोनों ध्रुवों को एक काल्पनिक रेखा आपस में जोड़ती है जिसका मध्य बिंदु पृथ्वी का ‘अक्ष‘ कहलाता है। यह अक्षीय रेखा पृथ्वी को दो बराबर भागों में विभक्त करती है। latitude
latitude
दो अक्षांशों तथा दो देशांतरों के मध्य अवस्थित भाग को ‘ग्रिड‘ latitude
(Grid) कहते हैं।
• अक्षांश और देशांतर रेखाएँ एक-दूसरे को समकोण पर काटती हैं।
अक्षांश रेखाएँ (Parallels of Latitude)
• पृथ्वी के केंद्र से विषुवत् रेखा को आधार मानकर मापी गई कोणीय दूरी को ‘अक्षांश‘ कहते हैं तथा समान अक्षांशों को मिलाने वाली रेखा को ‘अक्षांश रेखा‘ कहते हैं, जो विषुवत् रेखा के समानांतर खींची गई क्षैतिज रेखाएँ होती हैं।
विषुवत् वृत्त पर यह लंबाई 110.6 किमी. एवं ध्रुवों पर 111.7 किमी. है।
प्रति 1 डिग्री की अक्षांशीय दूरी लगभग 111 किमी. के बराबर होती है किंतु पृथ्वी के प्रत्येक स्थान पर इसका मान एक जैसा नहीं होता एवं इनकी लंबाई में परिवर्तन देखने को मिलता है, जैसे- विषुवत् वृत्त पर यह लंबाई 110.6 किमी. एवं ध्रुवों पर 111.7 किमी. है।
• विषुवत् रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर अक्षांशीय वृत्त की त्रिज्या में कमी आती है, अर्थात् विषुवत् रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर अक्षांश रेखाओं का आकार क्रमशः घटता जाता है, जो अंततः उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुवों पर बिंदु में परिवर्तित हो जाती हैं।
दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी को ‘कटिबंध‘ (जोन) कहते हैं। • 90° अक्षांश रेखा को छोड़कर प्रत्येक अक्षांश रेखा एक संपूर्ण वृत्त होती है।
• विषुवत् वृत्त के उत्तर की सभी अक्षांश रेखाओं को ‘उत्तरी अक्षांश रेखाएँ‘ तथा दक्षिण की सभी अक्षांश रेखाओं को ‘दक्षिणी अक्षांश रेखाएँ‘ कहते हैं इसलिये प्रत्येक अक्षांश के मान के साथ उसकी दिशा यानी उत्तर (N) या दक्षिण (S) लिखी जाती है।
• उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र में ‘चंद्रपुर‘ तथा दक्षिण अमेरिका के ब्राज़ील में ‘बेलो होरिजोंटे‘ दोनों ही 20° अक्षांश पर स्थित हैं. लेकिन चंद्रपुर की अवस्थिति 20° उत्तरी अक्षांश अर्थात् 20°N तथा बेलो होरिज़ोंटे की अवस्थिति को 20° दक्षिणी अक्षांश अर्थात् 20°S लिखकर प्रदर्शित किया जाता है। latitude
महत्त्वपूर्ण अक्षांश रेखाएँ
भूमध्य रेखा/ विषुवत् रेखा (Equator) latitude
काल्पनिक रेखा
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• भूमध्य रेखा पृथ्वी की सतह पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव के मध्य, दोनों ध्रुवों से समान दूरी पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है जो पृथ्वी को दो बराबर भागों (उत्तरी गोलार्द्ध एवं दक्षिणी गोलार्द्ध) में विभाजित करती है। इसे ‘शून्य डिग्री अक्षांश रेखा‘ के नाम से भी जाना जाता है। • विषुवत् रेखा से दोनों ध्रुवों (उत्तरी एवं दक्षिणी) तक दोनों गोलाद्धों में अनेक समानांतर वृत्तों का निर्माण होता है।
• भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें पूरे वर्ष लगभग लंबवत् पड़ती हैं.
• जिससे भूमध्य रेखा पर अत्यधिक सूर्यातप की प्राप्ति होती है फलतः तापमान सदैव उच्च बना रहता है। इसी कारण यहाँ वार्षिक एवं दैनिक तापांतर बहुत कम रहता है।
• भूमध्य रेखा पर पूरे वर्ष दिन एवं रात की अवधि बराबर होती है
तथा शीत ऋतु का प्रायः अभाव पाया जाता है। ने पर यह मान क्रमशः बढ़ता जाता है क
● भूमध्य रेखा पर वर्ष में दो बार (21 मार्च एवं 23 सितंबर) सूर्य लबचत् चमकता है।
भूमध्य रेखा पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल का मान न्यूनतम होता है, जबकि ध्रुवों की ओर जाने पर यह मान क्रमशः बढ़ता जाता है। ध्रुवों पर यह सर्वाधिक होता है क्योंकि पृथ्वी ध्रुवों पर कुछ चपटी है, जिसके कारण पृथ्वी के केंद्र से ध्रुवों की दूरी, भूमध्य रेखा की अपेक्षा कम है। latitude
• भूमध्य रेखा एशिया महाद्वीप के द्वीपीय देशों , अफ्रीका महाद्वीप तथा दक्षिण अमेरिका महाद्वीप से गुजरती है।
भूमध्य रेखा को दो बार काटती है।
भूमध्य रेखा को दो बरावर भागों मे कोन सी नदी काटती है ।
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● अफ्रीका महाद्वीप में ‘कॉन्गो नदी‘ (जायरे नदी) भूमध्य रेखा को दो
बार काटती है।
भूमध्य रेखा केन्या, युगांडा एवं तंजानिया की सीमा पर अवस्थित ‘विक्टोरिया झील‘ से होकर भी गुजरती है।
कर्क रेखा / कर्क वृत्त (Tropic of cancer) :- ● कर्क रेखा उत्तरी गोलार्द्ध में विषुवत् रेखा से 23½° उत्तर की कोणीय
दूरी पर स्थित है।
कर्क रेखा कहाँ- कहाँ से गुजरती है
कर्क रेखा एशिया, अफ्रीका तथा मध्य अमेरिका से होकर गुजरती है। कर्क रेखा निम्न जलीय क्षेत्रों- हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर, ताइवान जलसंधि, लाल सागर तथा मेक्सिको की खाड़ी से भी होकर गुज़रती है। .
कर्क रेखा मिस्र के नासिर झील से होकर गुजरती है तथा भारत में माही नदी इसको दो बार काटती है।
मकर रेखा/मकर वृत्त (Tropic of Capricorn) latitude
• यह दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है। विषुवत् रेखा से 2320 दक्षिण की
कोणीय दूरी मकर रेखा/ वृत्त की प्रदर्शित करती है।
• यह दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका तथा ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप से होकर गुजरती है। latitude
आर्कटिक वृत्त (Arctic Circle)
latitude
• विषुवत् रेखा से 66½° उत्तर की कोणीय दूरी आर्कटिक वृत्त के
रूप में जानी जाती है।
• आर्कटिक वृत्त आर्कटिक महासागर, कनाडा, ग्रीनलैंड, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका (अलास्का क्षेत्र), नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड में होकर गुजरती है जबकि आइसलैंड इसके दक्षिण में अवस्थित है।
• यह वृत्त कनाडा के ग्रेट बियर झील से होकर भी जाती है। • आर्कटिक वृत्त के क्षेत्रों पर सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं अतः यह अत्यधिक शीतल जलवायु वाला प्रदेश है।
अंटार्कटिक वृत्त (Antarctic Circle) latitude
• विषुवत् रेखा से 6616° दक्षिण की कोणीय दूरी अंटार्कटिक वृत्त के latitude
रूप में जानी जाती है।
• अंटार्कटिका का अधिकांश भाग सदैव बर्फ से ढका रहता है इसलिये इसे ‘सफेद महाद्वीप‘ भी कहते हैं।
अक्षांश और देशांतर से संबन्धित महत्वपूर्ण सारणी
क्र.सं0 | अक्षांश और देशांतर से संबन्धित महत्वपूर्ण जानकारी latitude |
1 | अक्षांश और देशांतर का निर्धारण (मापन) |
2 | उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव. – 3- ‘ग्रिड‘ (Grid |
4- | विषुवत् रेखा को आधार मानकर मापी गई कोणीय दूरी को ‘अक्षांश‘ कहते हैं |
5- | महाराष्ट्र में ‘चंद्रपुर‘ तथा दक्षिण अमेरिका के ब्राज़ील में ‘बेलो latitude |