Nipah Virus: से बचने के लक्ष्ण ,मृत्यु भी हो सकती है, जानकारी कर ले, नही तो हो सकता है आपको भी

Nipah Virus:निपाह वायरस यह बहुत ही खतरनाक बीमारी है और आज इसके बारे में हम जानेंगे कि या किसको किसको बीमारी हो सकती है और कैसे और किन देशों से यह शुरुआत में फैली है और कब से फैली हुई है क्या  यह  मनुष्य मैं बीमारी हो सकती है क्या वायरस फैल सकता है ,अगर फैल सकता है तो कैसे और इसके बचाओ इसके लक्षण क्या-क्या है और यह किन-किन देशों में फैले हुए हैं निपाह वायरस की बात करें तो यह बहुत ही खतरनाक बीमारी है ,या अधिकतर उन पक्षियों से फैलता है जो पक्षी फल खाते हैं जिसे चमगादड़, और यह सूअर में भी निपाह वायरस पाया गया है, इससे बचने के लिए हमने नीचे कई तरीके बताए हैं जिससे बचा जा सकता है और इसके लक्षण क्या-क्या है हमने इसके लक्षण भी बता दिए हैं। Nipah Virus:

निपाह वायरस सबसे पहले मलेशिया में यह 1999 में फैला था और इसके चपेट में अमरकोट में आने से 105 लोगों की मृत्यु हो गई थी लगभग लगभग इसकी चपेट में आने से लगभग 40% से 75% तक हो सकती है बीमारी। 

Nipah Virus:इससे बचने के लिए नीचे दी गई जानकारी को जरूर पढ़ें

इससे बचने के लिए नीचे दी गई जानकारी को जरूर पढ़ें Nipah Virus:

Nipah Virus: निपाह वायरस नेपा वायरस एक खतरनाक वायरस है जो जानवर से मनीषा इंसानों में या फैल सकता है। नेपा वायरस मुख्य रूप से या फलों के चमका दोनों से फैलता है, लेकिन अब यह सूअर और लोगों में पाया जा सकता है।

1- निपाह वायरस यह एक खतरनाक वायरस है इससे या इसके संक्रमण से हल्की से लेकर गंभीर बीमारी हो सकती है और इस बीमार पड़ सकते हैं मनुष्य या जानवर मनुष्य में मस्तिष्क में सूजन जिसे इंसेफलाइटिस_) और संभावित लगभग लगभग इससे मृत्यु या जाने भी जा सकते हैं। अगर निपाह वायरस के लक्षण की बात करें तो इसके संपर्क में आने के 4 से 14 दिन में दिखाई देने लगते हैं।

Nipah Virus:निपाह वायरस के संक्रमण के लक्षण है वह इस प्रकार हैं।

निपाह वायरस के संक्रमण के लक्षण है वह इस प्रकार हैं।

1- बुखार आना

2- सिर दर्द होना

3- गले में खराश होना

4- उल्टी होना

5- सांस लेने में दिक्कत होना यह तकलीफ होना

6- थकान महसूस होना, बदन में दर्द रहना

7- मतली

8- लगभग  चेतना में बदलाव के यहां हो सकते हैं ।

 निपाह वायरस से संक्रमित जानवरों मनुष्यों को जल्द से जल्द चिकित्सालय या चिकित्सा से सहायता लेनी चाहिए। अगर इसकी बात करें तो इसके लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है लेकिन सहायक देखभाल से जीवित रहने की संभावना बढ़ सकती है इस वायरस से।

निपाह वायरस से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय हैं या किए जा सकते हैं। Nipah Virus

निपाह वायरस से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय हैं या किए जा सकते हैं। Nipah Virus:

1- जो पक्षी फल खाते हैं उन से बचें।

2- और स्वरों के संपर्क से थोड़ा दूरी बनाए रखें।

3- चमगादड़ द्वारा दूषित खाद्य पदार्थ और पर पदार्थों का सेवन बिल्कुल ना करें।

4- ज्यादा से ज्यादा अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करें जैसे कि बार-बार हाथ धोना अच्छे साबुन से।

5- यदि आपको निपाह वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें अन्यथा अब कोई से गंभीर बीमारी भी हो सकती है, और मस्तिष्क में प्रॉब्लम होने से अब की मृत्यु भी हो सकती है इसलिए आप अगर ऐसा आपको कुछ प्रतीत होता है तो जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता लें।

 निपाह वायरस एक गंभीर बीमारी है लेकिन इससे बचने के लिए उपाय किए जा सकते हैं और इसके जो उपाय हैं उपरोक्त हमने बता दिए हैं इसका जरूर देखभाल रखें, अन्यथा इसकी चपेट में आने से जानवर या मनुष्य बीमार पड़ सकते हैं, और एक दूसरे के संपर्क में आने से इसका संक्रमण फैलता जाता है, जिस कारण एक दूसरे से फैलने के लिए दूरी बनाए रखें ताकि यह निपाह वायरस अधिक से अधिक लोगों तक ना पहुंचे ताकि हम सब सुरक्षित रहें धन्यवाद। Nipah Virus:

Nipah Virus: सबसे पहते कहाँ या किस देश में फैेल था

Nipah Virus: निपाह वायरस सबसे पहले कि अगर हम बात करें तो यह सन 1999 मलेशिया में फैला था। या बरस मुख्य रूप से फलों के चरणों से फैलता है लेकिन यहां धीरे-धीरे अब स्वयं भी पाया जा सकता है और ऐसे पक्षी में जो फलदार जो फल को पक्षी खाते हैं उनमें अधिकतर यहां निपाह वायरस पाया जाता है। Nipah Virus:

 मलेशिया में निपाह वायरस के प्रकोप और 105 लोगों की मृत्यु हो गई थी ।

 निपाह वायरस के  आने की चपेट में देश जो संक्रमित है लगभग लगभग उनके कुछ हिस्से

  1.  बांग्लादेश
  2. भारत
  3. इंडोनेशिया
  4. सिंगापुर
  5. थाईलैंड जैसे देश शामिल है ।

निपाह वायरस या बहुत ही गंभीर या खतरनाक बीमारी है, जिसमें मृत्यु दर 40% से 75% तक हो सकती है इसलिए इस से बचाओ के तरीके हमने ऊपर बताए हैं और उसके बचाव के तरीकों को अपनाएं और जानवरों को और उसमें में अपने आप को बचाएं।

 इसके उपचार के लिए कोई विशेष दवा नहीं है, लेकिन सहायक देखभाल से जीवित रहने की संभावना बढ़ाई जा सकती हैं।

 

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