Preamble, Prastavana:विधान की प्रस्तावना एक संविधानिक दस्तावेज़ का प्रारंभिक भाग होता है जिसमें संविधान के उद्देश्य, मूल सिद्धांत, नीतियाँ, और मूलांकन के बारे में उल्लेख किया जाता है। संविधान की प्रस्तावना उस मानव अधिकार और मूल सिद्धांतों का वर्णन करती है जिन पर एक देश का संविधान आधारित होता है। यह विशिष्ट करके बताता है कि देश का संविधान किस प्रकार के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक संरचना को स्थापित करता है और लोगों को कैसे अधिकार और कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। Preamble, Prastavana:
संविधान की प्रस्तावना आमतौर पर प्रीएम्बल (Preamble) के रूप में प्रस्तुत की जाती है, जो उस देश के नागरिकों की सामाजिक और आध्यात्मिक मूलभूत धाराओं को व्यक्त करता है जिन पर संविधान का आधार है। प्रीएम्बल उस देश के विचार और मानवता के मूल सिद्धांतों को प्रकट करने का काम करता है और संविधान के उद्देश्य और मिशन को सार्थकता से व्यक्त करता है। Preamble, Prastavana:
एक उदाहरण के रूप में, भारतीय संविधान की प्रस्तावना भारतीय गणराज्य के मूल सिद्धांतों और लक्ष्यों को व्यक्त करती है जिनमें समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, समानता, और विकास शामिल है। यह उद्देश्य और मूल सिद्धांतों के प्रति समर्पण का भाव व्यक्त करता है जो भारतीय संविधान के आधार होते हैं। Preamble, Prastavana:
Preamble, Prastavana : भारतीय संविधान की प्रस्तावना कहाँ से और क्यों लिया गया है Preamble,
भारतीय संविधान की प्रस्तावना का आदान-प्रदान अमेरिकी संविधान से किया गया है, जिसमें संविधान की मूल उद्देश्यों और मूल सिद्धांतों को व्यक्त करने का प्रयास किया गया है। Preamble, Prastavana:
भारतीय संविधान की प्रस्तावना को भारतीय संविधान सभा के सदस्य डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा तैयार की गई थी। डॉ. अंबेडकर ने संविधान की प्रस्तावना में भारतीय समाज के मूल आदर्शों, समृद्धि के प्रति प्रतिबद्धता, सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता, और विविधता को व्यक्त किया। यह प्रस्तावना संविधान के प्रस्तावित उद्देश्यों और मूल सिद्धांतों को स्पष्ट रूप से प्रकट करती है जिन पर भारतीय संविधान का निर्माण हुआ। Preamble, Prastavana:
संविधान की प्रस्तावना भारतीय संविधान के प्रस्तावना और आदर्शों को सार्थकता से स्पष्ट करने के उद्देश्य से शामिल की गई थी, ताकि यह उद्देश्य और सिद्धांत देश के नागरिकों के लिए संविधान के अद्यतन और पालन के दौरान एक मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें।
Preamble, Prastavana : भारतीय संविधान की प्रस्तावना में क्या क्या है Preamble,
भारतीय संविधान की प्रस्तावना प्रीएम्बल (Preamble) के रूप में प्रस्तुत की गई है। यह एक प्रस्तावनात्मक धारा होती है जो संविधान के प्रमुख उद्देश्यों और मूल सिद्धांतों को व्यक्त करती है। निम्नलिखित है भारतीय संविधान की प्रस्तावना का पाठ: Preamble, Prastavana:
सभी भारतीयों को भारतीय समाज के समृद्धि, समानता और धर्मनिरपेक्षता की प्राप्ति के लिए इसकी संविधानिक प्रणाली की स्थापना करते समय उनका एकमात्र निर्णय है और उनकी वश में सभी परिस्थितियों को अपनाते हुए समाजवाद की दिशा में प्रगति करना और उनकी सामाजिक और आर्थिक समृद्धि को सुनिश्चित करना हमारे निर्णय के इस प्रकार और इसकी सामंजस्य जिम्मेदारियों के साथ इसे दिनांक 26 नवम्बर 1949 को प्रदान किया गया
। Preamble, Prastavana:
प्रस्तावना में भारतीय संविधान के मुख्य उद्देश्य और मूल सिद्धांतों को व्यक्त किया गया है, जैसे कि:
- समाजवाद (Socialism): समाज की सामाजिक और आर्थिक असमानता को कम करने और सभी वर्गों की समृद्धि की सुनिश्चित करने का उद्देश्य।
- समानता (Equality): सभी नागरिकों को सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से समान अधिकार और अवसर प्रदान करने का मूल सिद्धांत।
- धर्मनिरपेक्षता (Secularism): समाज में धर्म के आधार पर भेदभाव की अनुमति न देने और सभी धर्मों के लोगों को समान रूप से समर्थन प्रदान करने का प्रतिबद्धता।
- देश के समृद्धि और समाज के समृद्धि की प्राप्ति (Welfare): समाज के सभी वर्गों की समृद्धि को सुनिश्चित करने और देश के विकास को प्राथमिकता देने का लक्ष्य।
- स्वतंत्रता (Liberty): नागरिकों को मानवाधिकारों की पूरी मात्रा में स्वतंत्रता और आज़ादी प्रदान करने का प्रतिबद्धता।Preamble, Prastavana:
भारतीय संविधान की प्रस्तावना के प्रश्न एंव उत्तर :Preamble, Prastavana :
प्रश्न 1. भारतीय संविधान की प्रस्तावना को संविधान की कुंजी क्यों कहा जाता है?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रस्तावना संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें संविधान के उद्देश्यों और लक्ष्यों को दर्शाया गया है। यह संविधान की व्याख्या करने में मदद करती है और न्यायालयों को संविधान के प्रावधानों को लागू करने में मार्गदर्शन करती है। इसलिए, इसे संविधान की कुंजी कहा जाता है। Preamble, Prastavana:
प्रश्न 2. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में भारत को किस रूप में वर्णित किया गया है?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में वर्णित किया गया है।
प्रश्न 3. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द कब जोड़े गए थे?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द 1976 में 42वें संशोधन अधिनियम के माध्यम से जोड़े गए थे। Preamble, Prastavana:
प्रश्न 4. भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अनुसार, भारत की सम्प्रुभता किसमें निहित है?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अनुसार, भारत की सम्प्रुभता उसके लोगों में निहित है। Preamble, Prastavana:
प्रश्न 5. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित न्याय का अर्थ क्या है?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित न्याय का अर्थ है सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय।
प्रश्न 6. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित स्वतंत्रता का अर्थ क्या है?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित स्वतंत्रता का अर्थ है व्यक्तिगत, राजनीतिक और धार्मिक स्वतंत्रता।
प्रश्न 7. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित समानता का अर्थ क्या है?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित समानता का अर्थ है कानून के समक्ष समानता, अवसर की समानता और सामाजिक समानता। Preamble, Prastavana:
प्रश्न 8. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित भाईचारे का अर्थ क्या है?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित भाईचारे का अर्थ है जाति, धर्म, भाषा या नस्ल के आधार पर भेदभाव के बिना सभी नागरिकों के बीच भाईचारे की भावना।
प्रश्न 9. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित एकता और अखंडता का अर्थ क्या है?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित एकता और अखंडता का अर्थ है भारत के सभी हिस्सों और सभी नागरिकों की एकता और अखंडता।
प्रश्न 10. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित नीति निदेशक सिद्धांतों का क्या उद्देश्य है?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित नीति निदेशक सिद्धांतों का उद्देश्य भारत के समाज और अर्थव्यवस्था को एक न्यायसंगत और समतामूलक समाज बनाने के लिए मार्गदर्शन करना है। Preamble, Prastavana:
प्रश्न 11. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित मौलिक अधिकारों का क्या उद्देश्य है?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित मौलिक अधिकारों का उद्देश्य नागरिकों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा करना है। Preamble, Prastavana:
प्रश्न 12. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित मौलिक कर्तव्यों का क्या उद्देश्य है?
उत्तर: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित मौलिक कर्तव्यों का उद्देश्य नागरिकों को जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनाने के लिए मार्गदर्शन करना है। Preamble, Prastavana:
प्रश्न 13. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित नीति निदेशक सिद्धांतों और मौलिक अधिकारों के बीच क्या अंतर है?
उत्तर: नीति निदेशक सिद्धांत कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं हैं, जबकि मौलिक अधिकार कानूनी रूप से बाध्यकारी हैं। Preamble, Prastavana:
भारतीय संविधान की प्रस्तावना को संविधान की कुंजी क्यों कहा जाता है?
भारतीय संविधान की प्रस्तावना संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें संविधान के उद्देश्यों और लक्ष्यों को दर्शाया गया है। यह संविधान की व्याख्या करने में मदद करती है और न्यायालयों को संविधान के प्रावधानों को लागू करने में मार्गदर्शन करती है। इसलिए, इसे संविधान की कुंजी कहा जाता है।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में भारत को किस रूप में वर्णित किया गया है?
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में वर्णित किया गया है।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द कब जोड़े गए थे?
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द 1976 में 42वें संशोधन अधिनियम के माध्यम से जोड़े गए थे।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अनुसार, भारत की सम्प्रुभता किसमें निहित है?
भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अनुसार, भारत की सम्प्रुभता उसके लोगों में निहित है।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित न्याय का अर्थ क्या है?
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित न्याय का अर्थ है सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित स्वतंत्रता का अर्थ क्या है?
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित स्वतंत्रता का अर्थ है व्यक्तिगत, राजनीतिक और धार्मिक स्वतंत्रता।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित समानता का अर्थ क्या है?
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित समानता का अर्थ है कानून के समक्ष समानता, अवसर की समानता और सामाजिक समानता।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित भाईचारे का अर्थ क्या है?
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित भाईचारे का अर्थ है जाति, धर्म, भाषा या नस्ल के आधार पर भेदभाव के बिना सभी नागरिकों के बीच भाईचारे की भावना।