राज्य एवं संघ राज्यक्षेत्र
स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 के द्वारा दो स्वतंत्र एवं पृथक वाले देश भारत तथा पाकिस्तान का निर्माण किया गया।
* देशी के समक्ष तीन विकल्प प्रस्तुत किए गए भारत में शामिल हों, तान में शामिल हों या स्वतंत्र रहें। * भारतीय सीमा के अंतर्गत 552 व्यासतें थीं। जिनमें से 549 भारत में शामिल हो गईं, जबकि शेष तीन (हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर) ने भारत में शामिल होने से मना कर दिया। कालांतर में हैदराबाद को पुलिस कार्रवाई द्वारा, जूनागढ़ को जनमत संग्रह के द्वारा तथा कश्मीर को विलय-पत्र के द्वारा भारतीय संघ में शामिल किया गया।
States and union territories of india
* संविधान के तहत भारतीय संघ के राज्यों/ क्षेत्रों को चार भागों में वर्गीकृत किया गया था।
भाग क | वे राज्य थे, जहां ब्रिटिश भारत में गवर्नर का शासन था। |
भाग ख | में राज्य विधानमंडल के साथ शाही शासन था। |
भाग ग | ब्रिटिश भारत के मुख्य आयुक्त का शासन था। |
भाग घ | अकेले अंडमान-निकोबार द्वीप को रखा गया था |
* संविधान के अनुच्छेद 1(1) के अनुसार, ‘भारत अर्थात इंडिया, राज्यों का संघ होगा।
* अनुच्छेद 2 भारतीय संघ में नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना की संसद की शक्ति।
*अनुच्छेद 3- नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों सीमाओं या नामों में परिवर्तन करने का संसद की शक्ति ।
* संसद साधारण बहुमत से नए राज्यों का निर्माण कर सकती है।
* भारतीय संविधान, संसद को यह अधिकार देता है कि वह नए राज्य बनाने, उसमें परिवर्तन करने, नाम बदलने या सीमा में परिवर्तन के संबंध में बिना राज्यों की अनुमति के कदम उठा सकती है। इस हेतु संविधान संशोधन को अनु. 368
के तहत संशोधन नहीं माना जाएगा। * वर्तमान में भारतीय संघ में 28 राज्य और 8 संघ राज्यक्षेत्र हैं।
* संसद, संविधान में संशोधन करके किसी भारतीय भू-भाग को किसी अन्य देश को सौंप सकती है।
* जून, 1948 में भारत सरकार ने एस. के. धर की अध्यक्षता में भाषाई प्रांत आयोग की नियुक्ति की। * इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट दिसंबर, 1948 में पेश की। आयोग ने राज्यों का पुनर्गठन भाषाई आधार की बजाए, प्रशासनिक सुविधा के अनुसार किए जाने की सिफारिश की। दिसंबर, 1948 में कांग्रेस द्वारा एस. के. घर कमीशन की अनुशंसाओं का अध्ययन करने हेतु जेवीपी समिति का गठन किया गया। * इसमें जवाहरलाल नेहरू, वल्लभभाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैया शामिल थे। अप्रैल, 1949 में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में इस समिति ने औपचारिक रूप से अस्वीकार किया कि, राज्यों के पुनर्गठन का आधार भाषा होनी चाहिए।
*हालांकि पोट्टी श्रीरामुलु की 56 दिनों की भूख हड़ताल के बाद मृत्यु के कारण अक्टूबर, 1953 में भारत सरकार को भाषा के आधार पर आंध्र प्रदेश राज्य का गठन करना पड़ा।
*आंध्र प्रदेश, भाषा के आधार पर गठित होने वाला देश का पहला राज्य है।
* स्वतंत्रता के पश्चात फजल अली की अध्यक्षता में एक राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन वर्ष 1953 में हुआ। इस आयोग के दो अन्य सदस्य थे-के. एम. पणिक्कर एवं एच. एन. कुंजरू।
इसी आयोग की कुछ अनुशंसाओं को राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 में लागू किया गया।
नए राज्य | गठन वर्ष |
नए राज्य | गठन वर्ष |
आंध्र प्रदेश | 1 अक्टूबर, 1953 |
.मणिपुर त्रिपुरा सिक्किम | 21 जनवरी, 1972 |
गुजरात |
1 मई, 1960 |
मिजोरम | 20 फरवरी, 1987 |
नगालैंड | दिसंबर, 1963 | ||
.हरियाणा | 1 नवंबर, 1966 | ||
हिमाचल प्रदेश | 25 जनवरी, 1971 | ||
मेघालय | 21 जनवरी, 1972 | ||
21 जनवरी, 1972 |
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