upsc current affairs; राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग

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राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग  ने हाल ही में ‘जनजाति अनुसंधान- अस्मिता, अस्तित्व और विकास’ पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन upsc current affairs

इस संशोधन के ज़रिये पूर्ववर्ती ‘राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग’ को दो अलग आयोगों में बाँट दिया गया था, जिसमें से एक NSCT था !

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ऐसे रोगजनकों की सूची को अपडेट करने का काम शुरू कर दिया है जिनमें महामारी फैलाने की क्षमता है या अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में खतरनाक साबित हो सकते हैंupsc current affairs

डिजीज एक्स के विषय में

इस प्रक्रिया में दुनिया भर के 300 से अधिक वैज्ञानिक शामिल हैं, जो लगभग 25 वायरस परिवारों और बैक्टीरिया के साथ-साथ ‘डिज़ीज़ एक्स’ से संबंधित सबूतों पर विचार-विमर्श करेंगे ! Current Affairs 2022
• इस प्रक्रिया से वैक्सीन, परीक्षणों और उपचारों में वैश्विक निवेश, अनुसंधान और विकास ( R&D) को बढ़ावा मिलेगा ।

‘डिज़ीज़ एक्स’ के विषय में –  

• यह ऐसे सभी अज्ञात रोगजनकों को संदर्भित करता है, जो अगली महामारी का कारण बन सकते हैं • यह सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन संदर्भ में अनुसंधान एवं विकास के लिए तैयार की गई WHO की प्राथमिकता वाले रोगों की सूची का हिस्सा है ।upsc current affairs

• इस तरह के रोगजनकों को ट्रैक करके WHO किसी भी आपातकालीन स्वास्थ्य परिस्थितियों से निपटने के लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार करता है ! 

• इस ब्लूप्रिंट में सूचीबद्ध प्राथमिकता वाले रोगजनकों के कारण होने वाले रोगों के परीक्षण, टीके और उपचार के विकास में तेज़ी लाने की कार्ययोजना शामिल है ।upsc current affairs;

WHO ने मंकीपाक्स बाीमारी का नाम बदलकर एमपांक्स कर दिया है । upsc current affairs

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पश्चिम अफ्रीका में 2014 के इबोला प्रकोप के दौरान इस तरह के ब्लूप्रिंट को विकसित करने की आवश्यकता महसूस की गई थी इबोला प्रकोप के दौरान चिकित्सा समुदाय रोग के तीव्र प्रसार से निपटने के लिए तैयार नहीं था, और इस दौरान उपचार दवाओं, टीकों और प्रशिक्षित स्वास्थ्य पेशेवरों की भी भारी कमी देखी गई थी !upsc current affairs

WHO ने मंकीपॉक्स बीमारी का नाम बदलकर एमपॉक्स (mpox) कर दिया है

• हाल ही में WHO ने मंकीपॉक्स बीमारी का नाम बदलकर एमपॉक्स (mpox) कर दिया हैupsc current affairs
• एक साल तक दोनों नामों को इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन एक साल के बाद ‘मंकीपॉक्स’ नाम के इस्तेमाल पर पूर्ण विराम लगाम लगा दिया जाएगा ।
जब इस साल मंकीपॉक्स का प्रकोप बढ़ा था तब कई जगहों पर इसके लिए नस्लवादी और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया !

कई देशों ने इस पर चिंता जताई और WHO से इसका नाम बदलने का आग्रह किया !upsc current affairs
• गौरतलब है कि International Classification of Diseases (ICD) के तहत मौजूदा बीमारियों को नया नाम देना विश्व स्वास्थ्य संगठन की जिम्मेदारी है

मंकीपॉक्स बीमारी के बारे में:
यह एक ‘जूनोटिक (जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला) वायरस’ है !
• इसे बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के रूप में जाना जाता है ।

• यह मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है जो ‘पॉक्सविरिडे फैमिली’ के ‘ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस’ का सदस्य है!इसके संक्रमण के मुख्यतः मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के वर्षावनों में सामने आये; लेकिन हाल के वर्षों में दुनिया के बाकी हिस्सों में भी यह बीमारी फैली है!upsc current affairs


अब तक इससे लगभग 110 देश प्रभावित हुए हैं और 80 हजार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं! Current Affairs 2022
• बंदरों में इस बीमारी के संक्रमण का पता पहली बार साल 1958 में लगा !
• 1970 में इस रोग को ‘मंकीपॉक्स’ नाम दिया गया ।

हाल ही में विश्व की पहली इंट्रानेज़ल कोविड वैक्सीन (iNCOVACC) को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से मंजूरी मिली है ।
• इसे प्राइमरी सीरीज और हेटेरोलॉगस बूस्टर दोनों तरह की मंजूरी मिली है । upsc current affairs
• इसे भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है ।

इसका विकास वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, सेंट लुइस के साथ मिलकर किया गया है!
फिलहाल इसे भारत में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लिए आपातकालीन स्थिति में नियंत्रित उपयोग के तहत बूस्टर खुराक के लिए मंजूरी मिली है ।

iNCOVACC एक प्री-फ्यूज़न स्टेबिलाइज़्ड SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन के साथ एक रेकॉम्बिनेंट रेप्लिकेशन डेफिशिएंट एडेनोवायरस वेक्टरेड वैक्सीन है
• वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के तीनों चरणों के विश्लेषण के बाद इनकोवैक को नाक की बूंदों के माध्यम से इंट्रानेजल डिलीवरी के लिए उपयुक्त माना गया है!
• इसके भंडारण और वितरण के लिए 2°C से 8°C का तापमान उचित माना गया है! upsc current affairsइसे निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों के लिए भी आर्थिक रूप से वहनीय माना जा रहा है! upsc current affairs


सेंट्रल ड्रग स्टैण्डर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाईजेशन (CDSCO) के बारे में-
यह सौंदर्य प्रसाधन, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों के लिए भारत का राष्ट्रीय नियामक निकाय है ।
यह नई दवाओं की अनुमति देने, क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति देने, दवाओं के मानक निर्धारित करने, जैसे कार्य करता है यह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आता है !
प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति में अब सिर्फ 9वीं व 10वीं के बच्चों को ही लाभ ! Current Affairs 2022

प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों तक सीमित

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए अपनी प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों तक सीमित कर दिया है। पहले कक्षा 1 से 8 तक के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को यह छात्रवृत्ति मिलती थी।upsc current affairs

सरकार ने इस संबंध में जारी नोटिस में कहा कि सरकार के लिए शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करना अनिवार्य बनाता है। नोटिस में शिक्षण संस्थान के नोडल अधिकारी (आईएनओ)/ जिला नोडल अधिकारी (डीएनओ)/upsc current affairs

राज्य नोडल अधिकारी (एसएनओ) को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की प्री- मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत केवल कक्षा नौवीं और दसवीं के लिए आवेदनों को सत्यापित करने के लिए कहा गया है।  Current Affairsi  https://pcshindi.com/latest-current-affairs-2022-pcshindi/

www.pcshindi.com पर महत्वपूर्ण UPSC/PCS से संबन्धित https://pcshindi.com/category/current-affair/

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